रायपुर। अमलीडीह में कॉलेज एवं गार्डन के लिये आरक्षित भूमि को राज्य शासन द्वारा निजी बिल्डर को आबंटित किये जाने पर स्थानीय लोगों के साथ रायपुर ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी रहे पंकज शर्मा ने विरोध जताते हुए न्यायायिक जांच की मांग की है। इस आबंटन के विरोध में स्थानीय लोगों द्वारा लगातार शांतिपूर्ण ढंग से धरना-प्रदर्शन आयोजन किया जा रहा है, किन्तु शासन के द्वारा ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। इस पर त्वरित निर्णय नहीं होने पर एक बडे जनआंदोलन की चेतावनी दी गई है।
पंकज शर्मा ने बताया कि आस-पास के चार वार्डो एवं कई गांवों में रिक्त शासकीय भूमि नहीं है जहां कॉलेज व गार्डन बनाया जा सके। यहां कॉलेज के बनने से आस-पास के लगभग 2 से 2.50 लाख लोगों को लाभ मिलने जा रहा था, किन्तु रामा बिल्डकाॅन को लाभ पहुंचाने एवं भ्रष्टाचार करने के उद्देश्य से भाजपा शासन ने सभी नियमों को ताक पर रखकर जमीन आबंटन कर दिया है। कांग्रेस शासनकाल के दौरान आम लोगो के हित के लिये एक्ट जारी किया था जिसमें लोक प्रयोजन की भूमि के आबंटन पर पूरी तरह से प्रतिबंध था। आचार संहिता लगने के दिन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री एवं आला अधिकारियों की कमेटी द्वारा प्रस्ताव पास कर दिया गया। नगर-निगम, शिक्षा विभाग, वन विभाग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी से अभिमत नहीं लिया गया है।
सरकार पर खानापूर्ति का आरोप
पंकज शर्मा ने बताया कि क्षेत्रीय विधायक ने आमजनता को भ्रमित करने के लिए उक्त शासकीय भूमि को कॉलेज एवं गार्डन के लिये आरक्षित रखने जोन आयुक्त क्रमांक 10 को पत्र लिखा है जबकि जमीन आबंटन में उनकी कोई भूमिका नहीं होती है। तमाम नियमों को ताक पर रखने के बाद जन आंदोलन होने पर सरकार खानापूर्ति करने के लिये कमिश्नर (राजस्व) को जांच करने का आदेश देती है, जबकि इसी कमिश्नर के द्वारा भूमि आबंटन हेतु प्राप्त सभी आपत्तियों को बिना किसी ठोस कारण के निरस्त कर दिया गया था। ऐसी स्थिति में कमिश्नर द्वारा निष्पक्ष जांच पर सवालिया निशान खड़ा होता है।