Farmers Protest: इन्होंने व्यापारियों को बताया नाग तो उबले कारोबारी

नई दिल्लीदेश के सबसे बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास (Raghubar Das) से व्यापारी खपा हैं। दरअसल, दास ने किसानों से जुड़े तीन कानून के समर्थन में लिखे अपने एक लेख में कुछ ऐसा लिखा है, जिससे लगता है कि व्यापारियों को माफिया और नाग सांप की संज्ञा दी गई हो। इसी के विरोध में व्यापारियों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दास के इस कृत्य की शिकायत भाजपा के अध्यक्ष (BJP President) जे पी नड्डा से भी की गई है।

दास की हो रही है आलोचना
कंफेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने रविवार को यहां जारी एक बयान में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि दास ने एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में प्रकाशित अपने एक लेख में सदियों से चले आ रहे किसानों और व्यापारियों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों में बीच ने ज़हर घोलने का काम किया है। इस लेख में बेहद ग़ैर ज़िम्मेदार राजनीतिज्ञ होने का परिचय देते हुए दास ने देश के व्यापारियों को नाग और माफ़िया की संख्या दी है।

क्या लिखा है रघुवर दास ने
रघुवर दास ने अपने लेख में लिखा है “हमारी सरकार ने तीनों कानूनों के माध्यम से किसानों को दलालों और बिचौलियों के नागपाश से मुक्त कराया है।” दास की इसी पंक्ति पर व्यापारी खफा हो गए हैं। कैट का कहना है कि व्यापारियों को बिचौलिया, माफिया और नाग कहना उनके झूठे दम्भ का परिचायक है। उनके इस बयान से उनकी पार्टी का कितना बड़ा अहित हुआ है, शायद इसका ज़रा भी उन्हें अंदाज़ा नहीं है।

भाजपा अध्यक्ष को की गई शिकायत
कैट ने भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा को आज एक पत्र भेजकर रघुबर दास पर कार्रवाई की मांग की गई है। संगठन का कहना है कि दास का यह बेहद घमंडी और सत्ता के नशे में चूर बयान है। इसलिए पार्टी उनके ख़िलाफ़ तुरंत कारवाई करे। कैट ने यह भी पूछा है कि जो रघुबर दास ने कहा वह भाजपा की लाइन है क्या? यदि भाजपा की यह लाइन नहीं है तो पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने ऐसा बयान क्यों दिया?

दास को हराने के लिए काम करेंगे व्यापारी
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने रघुबर दास के बयान की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि वह भविष्य में जहां से भी चुनाव लडेंगे, देश भर के व्यापारी उनकी हार के लिए कम करेंगे। उन्होंने जिस तरह से व्यापारियों को अपमानित किया है, उससे लगता है कि वह अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं और चापलूसी के रोग से बुरी तरह ग्रस्त हो गए हैं। दोनों व्यापारी नेताओं का कहना है कि सत्ता का घमंड दास के सर पर चढ़ कर बोल रहा है और वे बेलगाम हो गए हैं। वह सभ्यता को भूल चुके हैं और किसानों के मन में व्यापारियों के प्रति ज़हर घोलने का काम कर रहे हैं।

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