किसान आंदोलन: पहले वकालत, अब विरोध क्यों? नड्डा का पुराने वीडियो से राहुल पर वार

नई दिल्ली
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से जारी के बीच सत्ता और विपक्ष की रस्साकसी भी जोर पकड़ रही है। सरकार यह बताने में जुटी है कि नए कानून कैसे किसानों के चौतरफा फायदे में हैं तो विपक्ष इसे किसानों से छल करने वाला कदम बता रहा है। ऐसे में दोनों पक्ष अपनी-अपनी बातों को सच और दूसरे को गलत साबित करने की भी हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। इसी सिलसिले में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का एक पुराना वीडियो ट्वीट कर आरोप लगाया है कि राहुल को किसानों की नहीं बल्कि अपनी राजनीति की चिंता है। इससे पहले नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का भी वीडियो ट्वीट कर किसानों को भ्रमित करने का आरोप लगाया था।

लोकसभा में भाषण दिख रहे हैं राहुल गांधी
बीजेपी अध्यक्ष ने ट्विटर पर जो वीडियो शेयर किया, उसमें राहुल गांधी लोकसभा में खड़े दिख रहे हैं। यह वीडियो 16वीं लोकसभा में राहुल के एक वक्तव्य का है जब सुमित्रा महाजन लोकसभा अध्यक्ष हुआ करती थीं। तब राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के अमेठी से सांसद थे। वीडियो में उन्हें अपने लोकसभा क्षेत्र के एक किसान से हुई बातचीत का जिक्र करते हुए सुना जा सकता है। इस वीडियो राहुल बता रहे हैं कि कैसे एक किसान ने उन्हें बताया कि कैसे बिचौलियो उनकी आमदनी को बट्टा लगा जाते हैं।

राहुल पर नड्डा के गंभीर आरोप
नड्डा ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “ये क्या जादू हो रहा है राहुल जी? पहले आप जिस चीज की वकालत कर रहे थे, अब उसका ही विरोध कर रहे हैं।” नड्डा ने राहुल गांधी पर किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति करने का आरोप लगाया है और दावा किया है कि अब इस तरह पाखंड का भांडाफोड़ होकर रहेगा। नड्डा ने आगे लिखा, “देश हित, किसान हित से आपका कुछ लेना-देना नहीं है। आपको सिर्फ राजनीति करनी है। लेकिन आपका दुर्भाग्य है कि अब आपका पाखंड नहीं चलेगा।” बीजेपी अध्यक्ष ने आगे कहा, “देश की जनता और किसान आपका दोहरा चरित्र जान चुके हैं।”

पुराने वीडियो से सोनिया गांधी पर भी साध चुके हैं निशाना
इससे पहले नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी का मां सोनिया गांधी का भी एक वीडियो शेयर किया था। उन्होंने 24 दिसंबर को एक रैली में सोनिया के संबोधन का वीडियो ट्वीट किया था। उस वीडियो में सोनिया गांधी को भी किसानों को बिचौलियों के चंगुल से मुक्ति दिलाने की बात करती सुनी जा सकती हैं।

नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर डटे हैं किसान
ध्यान रहे कि कुछ किसान संगठन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ पिछले एक महीने से आंदोलन कर रहे हैं जिनमें ज्यादातर पंजाब और हरियाणा से हैं। कांग्रेस ने भी इन किसानों का समर्थन करते हुए तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की है। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने इसी मांग को लेकर राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौंपा।

29 दिसंबर को सरकार और किसानों के बीच अगले दौर की बातचीत संभव
वहीं, सरकार का कहना है कि वो किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिए कानूनों में संशोधन करने को तैयार है, लेकिन इन्हें निरस्त नहीं किया जा सकता है। इस तरह किसान आंदोलन को लेकर सरकार और आंदोलनकारी किसानों को बीच डेडलॉक की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, किसानों ने सरकार की तरफ से भेजे गए बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। किसानों ने शनिवार को एक बैठक में निर्णय लिया है कि सरकार से अगले दौर की बात की जाएगी। किसानों ने 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे वार्ता का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है।

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