दिल्ली का वह तांगेवाला, जिसने 1500 रुपये के 2000 करोड़ बना डाले

बोर्ड मीटिंग लाफ्टर क्लास लगवाने वाले गुलाटी (Dharampal Gulati Passed Away) का कर्मचारियों के प्रति रवैया शानदार रहता था। 98 साल की उम्र में उनके पास पद्मभूषण भी था और लक्ष्मी भी। FMCG सेक्टर के सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले CEO थे MDH ग्रुप के धरमपाल गुलाटी।

मसालों की दुनिया के किंग कहे जाने वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी का निधन (MDH Owner Death) हो गया है। 98 साल के गुलाटी अपने मसालों का विज्ञापन भी खुद ही करते थे। पाकिस्तान के सियालकोट से बंटवारे के बाद भारत आने वाले गुलाटी को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ा था। 1500 रुपये लेकर भारत आए गुलाटी ने करोड़ों का कारोबार शुरू किया।

MDH Mahashay Dharampal Gulati: एक तांगे वाला जिसने 1,500 से 2,000 हजार करोड़ रुपये बनाए

बोर्ड मीटिंग लाफ्टर क्लास लगवाने वाले गुलाटी (Dharampal Gulati Passed Away) का कर्मचारियों के प्रति रवैया शानदार रहता था। 98 साल की उम्र में उनके पास पद्मभूषण भी था और लक्ष्मी भी। FMCG सेक्टर के सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले CEO थे MDH ग्रुप के धरमपाल गुलाटी।

650 रुपये में खरीदा था तांगा
650 रुपये में खरीदा था तांगा

पाकिस्तान से भारत आने के बाद गुलाटी ने 650 रुपये में तांगा खरीदा था। उस वक्त उन्हें तांगा चलाने भी नहीं आता था। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें तांगा चलाने भी नहीं आता था। वह धीरे-धीरे चलाना शुरू किए। उन्होंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कुतुब रोड और करोल बाग से बारा हिंदू राव के लिए तांगा चलाया।

पाकिस्तान में 1923 में पैदा हुए थे गुलाटी
पाकिस्तान में 1923 में पैदा हुए थे गुलाटी

गुलाटी के पिता का नाम महाशय चुन्नीलाल और माता का नाम चानन देवी था। वह पाकिस्तान के सियालकोट में 27 मार्च 1923 को पैदा हुए थे। 1933 में उन्होंने 5वीं के बाद स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी थी।

दिल्ली में खोली मसाले की दुकान
दिल्ली में खोली मसाले की दुकान

गुलाटी ने दिल्ली में ही अजमल खान रोड, करोल बाग में एक दुकान खरीदी और अपने परिवार के मसाले का बिजनेस शुरू किया और महाशियन दि हट्टी के नाम से मसाले के कारोबार में चार चांद लगा दिए।

98 साल के गुलाटी की ऐसी थी दिनचर्या
98  साल के गुलाटी की ऐसी थी दिनचर्या

गुलाटी रोजाना सुबह 4 बजे उठकर पंजाबी बीट्स पर डंबल से कसरत करते थे, फिर फल खाते थे। इसके बाद नेहरू पार्क में सैर करने जाते थे, दिन पराठों के साथ गुजरता था, शाम होते ही दोबारा सैर पर निकलते थे और फिर रात में मलाई और रबड़ी का दौर शुरू होता था। 98 साल के महाशय फिर भी कहते थे ‘अभी तो मैं जवान हूं’।

1,500 से 2 हजार करोड़ का कारोबार
1,500 से 2 हजार करोड़ का कारोबार

सिर्फ 1500 रुपये से शुरू किया बिजनस 2000 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया। विज्ञापन में आने वाले धरमपाल दुनिया के सबसे अधिक उम्र के स्टार के रूप में जाने जाते थे। अवॉर्ड के बाद से सैकड़ों लोगों के गुलदस्ते और कॉल्स आने के बाद उनका कहना था- मेरी तो ‘बल्ले-बल्ले’ हो गई है। ऑफिस में मिलने वालों की लाइनें लगी हुई थीं। इसे देखकर उन्होंने कहा था, ‘मैं कोई और नशा नहीं करता, मुझे प्यार का नशा है।’ मुझे यह बहुत पसंद है जब बच्चे और युवा मुझसे मिलते हैं और मेरे साथ सेल्फी लेते हैं। अवॉर्ड के बारे में कहते हैं यह आप लोगों का प्यार है। मेरा कुछ नहीं।

राजकपूर के साथ महाशय गुलाटी
राजकपूर के साथ महाशय गुलाटी

महाशय जी को लाइमलाइट में रहना पसंद था। पश्चिमी दिल्ली के कीर्ति इंडस्ट्रियल एरिया में में उनके एमडीएच हाउस की दीवार का एक-एक इंच उनके मुस्कान भरे चेहरे से पटा पड़ा है। टीवी विज्ञापनों में उनका आना अचानक ही हुआ जब विज्ञापन में दुल्हन के पिता की भूमिका निभाने वाले ऐक्टर मौके पर नहीं पहुंचे। गुलाटी याद करते हैं, ‘जब डायरेक्टर ने कहा कि मैं ही पिता की भूमिका निभा दूं तो मुझे लगा कि इससे कुछ पैसा बच जाएगा तो मैंने हामी भर दी।’ उसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। तब से गुलाटी एमडीएच के टीवी विज्ञापनों में हमेशा दिखते रहे। इस तस्वीर में राजकपूर के साथ दिख रहे हैं गुलाटी।

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