अफगानिस्तान में सक्रिय तालिबान इन दिनों मैग्नेटिक बमों के जरिए लोगों की हत्याएं कर रहा है। इन छोटे-छोटे बमों के निशाने पर अफगान अधिकारी, सुरक्षाबल, सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार हैं। हाल के हफ्तों में तालिबान ने अकेले काबुल में कम से कम 10 सरकारी अधिकारियों और उनके सहयोगियों को मैग्नेटिक बम लगाकर मार डाला। जिसके बाद से ही तालिबानी आतंक के इस नये हथियार की चर्चा होने लगी है। अफगानिस्तान में तैनात दूसरे देशों के राजनयिकों ने भी तालिबान के इस हथियार को लेकर चिंता जताई है।
इस बम से अफगान अधिकारियों को मार रहा तालिबान
अफगानिस्तान के आंतरिक खुफिया दस्तावेजों के हवाले से बताया गया है कि तालिबान इन मैग्नेटिक बमों के जरिए उसके कट्टरपंथ का खिलाफत कर रहे अफगानिस्तान सरकार के मध्यम दर्जे के अधिकारियों को निशाना बना रहा है। एक राजनयिक ने यहां तक कहा कि तालिबान सोची समझी रणनीति के तहत इन बमों के जरिए अफगानिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों और सेना के जनरलों को नहीं मार रहा। क्योंकि, उसे डर है कि ऐसा करने से कतर की राजधानी दोहा में जारी शांति वार्ता पटरी से उतर सकती है।
तालिबान ने स्वीकारी मैग्नेटिक बमों से हमले की बात
वहीं तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि उसका संगठन मैग्नेटिक बमों के जरिए किए गए कुछ हमलों में शामिल रहा है। इस आतंकी समूह के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि इन हमलों के जरिए अफगान सरकार के केवल उन अधिकारियों को निशाना बनाया गया है जो शांति और युद्ध दोनों काम में संलिप्त हैं। तालिबान ने ऐलान किया है कि वह अपने दुश्मनों को इस बम के जरिए निशाना बनाकर महत्वपूर्ण सरकारी अधिकारियों को मारते रहेंगे। हालांकि, तालिबान ने अपने बयान में यह दावा भी किया कि वह अपने हमलों में सामाजिक कार्यकर्ताओं या पत्रकारों को निशाना नहीं बनाएंगे।
डर से घरों का रास्ता और गाड़िया बदल रहे अफगान अधिकारी
अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने सभी मैग्नेटिक बमों के हमलों के लिए तालिबान को जिम्मेदार बताया है। मैग्नेटिक बमों के हमले के डर से अफगान सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल के दिनों में अपने परिवहन के तरीकों को बदल दिया है। दहशत इतनी है कि ये अधिकारी अब घर से ऑफिस आने या वापस जाने के लिए अलग-अलग रास्तों और गाड़ियों का प्रयोग कर रहे हैं।
कितना खतरनाक है यह बम
तालिबान के मैग्नेटिक बम गाड़ियों पर आसानी से चिपक जाते हैं। जिसके बाद हमले वाले इलाके में पहुंचने के बाद आतंकी रिमोट कंट्रोल के जरिए विस्फोट कर वाहन को उड़ा देते हैं। इससे ये आतंकी पहले से तयशुदा जगह पर बड़ी संख्या में लोगों को हताहत करने में कामयाब हो रहे हैं। बड़ी बात यह है कि इन बमों को किसी भी कार या बाइक में छिपाकर लगाया जा सकता है। जिससे उस वाहन में सवार शख्स को बम की मौजूदगी का पता नहीं चल पाता है।