Farmers Protest: सुशील मोदी बोले-किसान आंदोलन में 100 गैर-किसान संगठनों की घुसपैठ चिंता की बात

पटना
की हलचल से बिहार भी अछूता नहीं है। प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का कहना है कि किसानों की चिंताएं दूर करने को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है। लेकिन पुरस्कार वापसी की धमकी माहौल बिगाड़ने वाला है। सुशील मोदी ने यह भी कहा है कि किसान आंदोलन के नाम पर विदेशी फंडिंग से चलने वाली 100 छोटे बड़े संगठनों की संलिप्तता देश के लिए चिंता का विषय है। बता दें कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल ने कृषि कानूनों के विरोध में अपना पद्म विभूषण सम्मान सरकार को वापस कर दिया है।

किसानों को स्थानीय मंडी और देश के खुले बाजार में कहीं भी सबसे अच्छे दाम पर फसल बेचने की आजादी देने वाले कृषि कानून को लेकर ज्यादातर चिंताएं निराधार या राजनीति प्रेरित हैं। केंद्र सरकार पंजाब-हरियाणा के किसानों की आशंका दूर करने में लगी है। उनके प्रतिनिधियों से सरकार का शीर्ष नेतृत्व जब पूरी गंभीरता और सहानुभूति के साथ लगातार बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास कर रहा है, तब पुरस्कार वापसी से दबाव बनाने की कोशिश माहौल बिगाड़ कर टकराव बढाने की नीयत जाहिर करती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि कानून और इसकी मंशा को ‘गंगा की तरह पवित्र’ कहा, लेकिन किसान आंदोलन की नीयत अमृतसर साहिब जैसी खालिस नहीं लगती। किसान आंदोलन को भारत-विरोध की गलत दिशा में ले जाने के लिए विदेशी फंडिंग से चलने वाले लगभग 100 छोटे-बडे संगठनों की संलिप्तता पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। जेएनयू के वामपंथी छात्र, महाराष्ट्र का मछुआरा संघ, सीटू और एआईकेएस जैसे गैरकिसान संगठनों की भागीदारी के बाद किसानों के मुद्दे पर बिहार को जाम करने की माकपा की धमकी का एनडीए कड़ा राजनीतिक विरोध करेगा।

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