ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद राजीव गांधी ने दी सुरक्षित सीट राजनीति के जानकारों की माने तो ऑपरेशन ब्लू स्टार और इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी चाहते थे कि बूटा सिंह को ऐसी सीट से चुनाव लड़वाया जाए, जहां से उनकी जीत निश्चित हो। लिहाजा बूटा सिंह को कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाली जालोर-सिरोही सीट से दी गई। इससे पहले बूटा सिंह 1966 से पंजाब की रोपड की सीट से चुनाव लड़ रहे थे। वहीं पंजाब के दलित कांग्रेसी नेता बूटा सिंह ने हरियाणा की साधना सीट से अपना पहला चुनाव लड़ा था।
पहली बार में जीते, तो दूसरी बार में हारेआपको बता दें कि 1984 में हुए चुनाव में बूटा सिंह पहली ही मर्तबा में चुनाव जीत गए। लेकिन 1989 में दोबारा जब उन्होंने चुनाव लड़ा, तो बीजेपी और वरिष्ठ नेता भैरोंसिंह शेखावत को उस दौर के वरिष्ठ नेता कैलाश मेघवाल को उनके सामने उतारा गया। लेकिन इस रोमांचक मुकाबले में जीत मेघवाल की हुई। कैलाश मेघवाल चुनाव जीत गए। बूटा सिंह जैसे दिग्गज नेता को हराने के बाद मेघवाल का कद भी बीजेपी में बढ़ गया। लेकिन खास बात यह रही है कि बूटा सिंह ने अपनी सीट नहीं छोड़ी, दोबारा 1991 में जालोर से ही चुनाव जीता। इसी तरह आगे 1999 में सिरोही से सांसद रहे। हालांकि 2004 में जालोर से चुनाव जीतने के बाद उन्हें बिहार का राज्यपाल बनाया गया।