पिछले दो दशकों में हिंदी सिनेमा ने नई चुनौतियों के बीच खुद का विस्तार किया है। सन 2001 से 2020 तक की फिल्मों पर विषय विविधता और तकनीकी परिष्कार के लिहाज से गौर करें तो दोनों ही मामलों में हिंदी सिनेमा की अबाध प्रगति से हमारे फिल्मकर्मियों की मेहनत और प्रतिभा का अंदाजा मिलता है। आजादी के बाद के दो दशकों को हिंदी सिनेमा का स्वर्ण युग कहा जाता है।