जानें, भारतीय सेना ने क्यों किया मानवाधिकार सेल का गठन, कैसे करेगा यह काम

नई दिल्ली
13 लाख जवानों की क्षमता वाली () ने ‘पारदर्शिता और ईमानदारी’ बनाए रखने के लिए एक मानवाधिकार सेल (Human Right Cell) का गठन किया है। मेजर जनरल की अगुवाई में यह सेल जम्मू और कश्मीर के साथ ही पूर्वोत्तर भारत जैसे इलाकों में फंक्शन में रहेगा।

मेजर जनरल गौतम चौहान ने नई दिल्ली में आर्मी हेडक्वार्टर में पहले अडिशनल डायरेक्टर जनरल (ह्यूमन राइट्स) का पदभार संभाला है। उनकी नियुक्ति गोरखा राइफल्स में थी। वह सीधे सेना के वाइस चीफ को रिपोर्ट करेंगे। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पिछले हफ्ते सेना के अधिकारी (कैप्टन) भूपेंद्र सिंह और दो अन्य नागरिकों के खिलाफ जुलाई महीने में राजौरी में तीन युवाओं के अपहरण और हत्या के मामले में चार्जशीट दाखिल की है। इसके बाद ही एडीजी (HR) की नियुक्ति हुई है।

ADG विजिलेंस की ब्रांच भी बनेगी
सेना मुख्यालय में चल रहे पुनर्गठन के तहत एडीजी (विजिलेंस) की भी जल्द ही नियुक्ति की जाएगी। एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया, ‘एडीजी (एचआर) और एडीजी (विजिलेंस) की अगुवाई में दो नई ब्रांच अब पारदर्शिता और ईमानदारी के प्रति सेना की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाएंगी।’

SP रैंक के अधिकारी भी रहेंगे
उन्होंने बताया, ‘योजना के मुताबिक एडीजी (एचआर) में एसपी या एसएसपी रैंक के एक आईपीएस अधिकारी भी रहेंगे, जिनका काम जांच में विशेषता प्रदान करने के साथ ही गृह मंत्रालय और अन्य संगठनों के सहयोग से जरूरी सुविधाएं मुहैया कराना होगा।’

आर्मी हेडक्वार्टर के पुनर्गठन के तहत पिछले महीने लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने पहले डेप्युटी चीफ (स्ट्रैटिजी) का पदभार संभाला था। चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में जारी विवाद के मद्देनजर ऑपरेशन्स, इंटेलिजेंस, लॉजिस्टिक, प्लानिंग, सूचना का समन्वय करेंगे।

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