अमेरिका-ईरान में होगी जंग? ईरानी कमांडर की बरसी से पहले फारस की खाड़ी में मंडराए युद्ध के बादल

तेहरान
करीब एक साल पहले अमेरिका ने ईरान के सबसे ताकतवर सैन्य कमांडर () को मौत के घाट उतार दिया था। इससे दोनों देशों के बीच तनाव गहराता चला गया और अब एक बार फिर क्षेत्र में सैन्य टकराव की स्थिति बनती दिखाई दे रही है। ईरान ने आरोप लगाया है कि अमेरिका ने अपने परमाणु बॉम्बर पारस की खाड़ी में भेजे हैं, जबकि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का दावा है कि पिछले 48 घंटे में ईरानी नौसेना और सक्रिय हो गई है।

उधर, इजरायली मीडिया ने अमेरिकी सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि इजरायल और सऊदी अरब ट्रंप को उकसा रहे हैं कि अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले वह ईरान के परमाणु ठिकानों को ध्वस्त करें।

अमेरिका कर रहा हमले की तैयारी?
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका को डर है कि कहीं 3 जनवरी को सुलेमानी की बरसी पर ईरान अमेरिका को निशाना बनाने की कोशिश न करे। यही नहीं, राजनीतिक विश्लेषकों ने यह भी आशंका जताई है कि राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन की जीत से बौखलाए ट्रंप जाते-जाते ईरान के साथ विवाद को और जटिल बनाने की कोशिश कर सकते हैं ताकि आने वाली सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी की जा सकें।

दरअसल, बाइडेन की योजना है कि ईरान पर ट्रंप ने जो दबाव बनाया था उसे कम किया जाए, उससे बातचीत की जाए और ईरान परमणु समझौते पर लौटा जाए। ऐसे में एक्सपर्ट्स को लगता है कि ईरान किसी भी कदम को सोच-समझकर उठाएगा ताकि बाइडेन के आने पर उसके ऊपर लगे प्रतिबंधों में ढील मिल सके।

तेहरान पर आक्रामक ट्रंप प्रशासन
वहीं, ट्रंप प्रशासन ईरान को राहत देने के मूड में नहीं है। पिछले हफ्ते अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने दावा किया था कि बगदाद में अमेरिकी दूतावास के पास इंटरनैशनल जोन में हुआ हमला ईरान समर्थित आतंकी संगठन ने किया था। वहीं, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा असोसिएशन में रूस के राजदूत ने शुक्रवार को दावा किया कि ईरान 2015 से पहले हुई परमाणु डील के बराबर यूरेनियम हासिल करेगा। माना जा रहा है कि इससे भी दोनों देशों के बीच तनाव गहरा सकता है।

ईरान ने भी दिखाए तीखे तेवर
ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड के शीर्ष कमांडर जनरल हुसैन सलामी ने शुक्रवार को बिना अमेरिका का नाम लिए कहा था कि आज हमें किसी भी शक्ति का सामना करने में कोई समस्या, चिंता या आशंका नहीं है। हम अपने दुश्मनों को युद्ध के मैदान में आखिरी जवाब दे सकते हैं। उधर, अमेरिका ने बी-52 बॉम्बर की उड़ान संचालित करने के साथ ही फारस की खाड़ी में एक परमाणु पनडुब्बी भेजी है। अमेरिका ने जिन B-52 बॉम्‍बर्स को खाड़ी देशों में तैनात किया है, वे परमाणु क्रूज मिसाइल से भी हमला कर सकते हैं।

(Source: CNN, भाषा इनपुट्स समेत)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *