नीतीश को लेकर राबड़ी के बयान पर चढ़ा सियासी पारा, तो 'दोस्त' सुशील मोदी ने संभाला मोर्चा

पटना
क्या नीतीश कुमार एक बार फिर महागठबंधन में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं? जेडीयू की मानें तो फिलहाल तो इसकी दूर-दूर तक कोई संभावनाएं नजर नहीं आ रही हैं। हालांकि, जिस तरह से आरजेडी की ओर से लगातार बयान सामने आ रहे हैं, उससे सर्दी के इस मौसम में भी सूबे का सियासी पारा जरूर चढ़ गया है। ऐसा होने की मुख्य वजह ये भी है कि क्योंकि पहली बार लालू परिवार के किसी सदस्य ने नीतीश के महागठबंधन में आने को लेकर टिप्पणी की है।

राबड़ी के इस बयान पर शुरू हुआ चर्चा का दौरपूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने नए साल पर एक बयान में कहा कि नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी को लेकर आरजेडी के नेता और विधायक एक साथ बैठकर विचार करेंगे। दिग्गज आरजेडी ने जिस तरह से ये बात कही है वो बेहद अहम है। हालांकि, राबड़ी के इस बयान पर बीजेपी के दिग्गज नेता और नीतीश कुमार के करीबी दोस्त माने जाने वाले सुशील कुमार मोदी ने टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि आरजेडी में लॉयल्टी साबित करने की होड़ के लिए एनडीए तोड़ने का बयान आया है।

बड़बोले दावे कर अपनी लॉयल्टी साबित कर रहे आरजेडी नेता: सुशील मोदीराज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि गरीबों-मजदूरों, युवाओं-महिलाओं ने जिस पार्टी के अनुभवहीन वंशवादी नेतृत्व को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया। उसका कोई न कोई शख्स एनडीए के विधायक तोड़ने के नित नए बड़बोले दावे कर अपनी लॉयल्टी साबित कर रहे हैं। इनमें कोई राजनीतिक सच्चाई नहीं। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद की पार्टी अपने दर्जन भर एमएलए- एमएलसी को जेडीयू में जाने से नहीं रोक पाई। जिसका 10 लाख लोगों को एक झटके में सरकारी नौकरी देने का अव्यावहारिक वादा नकार दिया गया।’

राबड़ी ने नए साल पर साधा नीतीश कुमार पर निशानाबीजेपी नेता का ये बयान ऐसे में समय आया है जब राबड़ी देवी ने एक बयान में कहा कि नीतीश कुमार का आदेश अब उनकी अपनी सरकार में नहीं चलता है। उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले सावधानीपूर्वक सोचना चाहिए था। उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार जिस सरकार की अगुवाई कर रहे हैं, उसमें उनकी नहीं चलती है। संख्यात्मक रूप से मजबूत सहयोगी बीजेपी का उस पर नियंत्रण है। आरजेडी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाल ही में हुए अधिकारियों के ट्रांसफर को लेकर अपनी बात रख रही थीं।

श्याम रजक ने भी किया जेडीयू के 17 विधायकों को लेकर दावा, पर सीएम नीतीश ने नकाराये कोई पहली बार नहीं है जब आरजेडी की ओर से सत्ताधारी जेडीयू के संबंध में ऐसा कोई ऑफर या फिर दावा किया गया है। इससे पहले आरजेडी नेता श्याम रजक ने जेडीयू के 17 विधायकों के आरजेडी के संपर्क में होने का दावा किया था। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे बेबुनियाद बताया था। फिलहाल आरजेडी की ओर से लगातार नीतीश को महागठबंधन में लाने की कवायद हो रही है।

बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर भी दे चुके हैं नीतीश को खास ऑफरपिछले दिनों ही आरजेडी के एक और दिग्गज नेता और विधानसभा के पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने नीतीश कुमार को खास ऑफर दिया था। उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार एनडीए से अलग होते हैं और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाते हैं तो आरजेडी 2024 लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार को पीएम कैंडिडेट के तौर पर उनका समर्थन करेगी। साथ ही विपक्ष की ओर से भी उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने में सहयोग करेगी। हालांकि, उनकी बात को जेडीयू ने खास तवज्जो नहीं दी थी।

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