जनरल बिपिन रावत ने बतौर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस मौके पर उन्होंने अरुणाचल प्रदेश और असम में चीन बॉर्डर से लगे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास अग्रिम मोर्चों पर बने वायु सेना के अड्डों का दौरा किया। सीडीएस ने वहां सीमा की प्रभावी निगरानी की व्यवस्था और जरूरत पड़ने पर सैन्य अभियानों की तैयारियों का जायजा लिया। वहां की व्यवस्था से खुश होकर रावत ने दावा किया कि सिर्फ भारतीय सैनिक ही ऐसी विकट परिस्थितियों में भी सीना तानकर खड़ा रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि कर्तव्य के निर्वहन की राह में भारतीय सैनिकों का कोई बाधक नहीं हो सकता है।
सेना, ITBP और SFF के सैनिकों से मुलाकात
सूत्रों ने कहा कि जनरल रावत ने अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी और लोहित सेक्टर समेत विभिन्न अड्डों पर तैनात सेना, आईटीबीपी और विशेष सीमांत बल (एसएफएफ) के सैनिकों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष ने प्रभावी निगरानी बनाए रखने और अभियानगत तैयारियां बढ़ाने के वास्ते अभिनव कदम उठाने के लिए सैनिकों की सराहना की।
भारतीय सैनिकों का कोई मुकाबला नहीं
सूत्रों के अनुसार जनरल रावत ने कहा, “ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में केवल भारतीय सैनिक ही सतर्क रह सकते हैं और सीमाओं की सुरक्षा के लिए हमेशा अपने कर्तव्यों से आगे बढ़कर काम करने के लिए तत्पर रहे हैं।” सूत्रों ने सीडीएस के हवाले से कहा, ”भारतीय सशस्त्र बलों को उनके कर्तव्यों को लेकर दृढ़ संकल्प रहने से कोई चीज नहीं रोक सकती।”
देश के पहले सीडीएस ने पूरा किया एक साल का कार्यकाल
ध्यान रहे कि जनरल बिपिन रावत ने 1 जनवरी, 2020 को देश के पहले सीडीएस का पदभार लिया था। देश में इस पद के सृजन की जरूरत बहुत पहले से महसूस की जा रही थी जिसे नरेंद्र मोदी सरकार ने पूरी की। इस नियुक्ति का उद्देश्य थल सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना के बीच समन्वय और देश की सैन्य शक्ति को मजबूत करना है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीडीएस की नियुक्ति को भारत के लिए महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक बताया था। उन्होंने कहा था कि यह सशस्त्र बलों के तीनों सेवाओं के कर्मियों के कल्याण के लिए मोदी सरकार की ओर से किए गए प्रयासों को आगे बढ़ाएगा।
क्या हैं सीडीएस की जिम्मेदारियां
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पर न केवल भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं के कल्याण और उनके बीच समन्वय स्थापित करने बल्कि सेना का आधुनिकीकरण करने की भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। सीडीएस के नेतृत्व में सेना के तीनों अंग- थल सेना (Army), जल सेना (Navy), वायु सेना (Air force) एक टीम की काम करती है। ध्यान रहे कि सीडीएस की नियुक्ति के साथ ही रक्षा मंत्रालय में नया रक्षा कार्य विभाग (DMA) का भी बनाया गया है।
सीडीएस को तीन सैन्य प्रमुखों की तर्ज पर कैबिनेट सेक्रटरी का रैंक दिया गया है। ये सभी सीधे रक्षा मंत्री को रिपोर्ट करेंगे। डिफेंस सेक्रटरी के दायरे से जिन चार तत्वों को निकाल दिया गया है, उनमें तीनों सशस्त्र सेवाएं, उनके संबंधित मुख्यालय, प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) और थल, जल एवं वायु सेना से संबंधित कार्य शामिल हैं। ये अब सीडीएस के अधीन वाले डीएमए के दायरे में आ गए हैं जिन पर आठ प्रमुख दायित्व सौंपे गए हैं।
(एएनआई से इनपुट के साथ)