2017 मे देखा गया 'अनोखा' ऐस्टरॉइड असल में था एलियन टेक्नॉलजी का नमूना? हार्वर्ड वैज्ञानिक के दावे से हैरत में दुनिया

हमारी धरती के अलावा ब्रह्मांड में कहीं और जीवन है या नहीं, वैज्ञानिक इसकी खोज में जुटे रहे हैं। एलियंस के धरती पर आने के कई दावे किए जाते रहे लेकिन कभी कोई ऐसा सबूत नहीं मिल सका जिसके आधार पर माना जाए कि हम अकेले नहीं हैं। हालांकि, हार्वड यूनिवर्सिटी के एक प्रफेसर ने न सिर्फ एलियंस के अस्तित्व का दावा किया है बल्कि यह भी कहा है कि करीब तीन साल पहले वे हमारे करीब से गुजर भी चुके हैं।

Asteroid News: Oumuamua नाम का ऐस्टरॉइड 2017 में देखा गया था। इसका आकार अजीब तरीके का था। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रफेसर ने दावा किया है कि यह ऐस्टरॉइड था ही नहीं।

2017 मे देखा गया 'अनोखा' ऐस्टरॉइड असल में था एलियन टेक्नॉलजी का नमूना? हार्वर्ड वैज्ञानिक के दावे से हैरत में दुनिया

हमारी धरती के अलावा ब्रह्मांड में कहीं और जीवन है या नहीं, वैज्ञानिक इसकी खोज में जुटे रहे हैं। एलियंस के धरती पर आने के कई दावे किए जाते रहे लेकिन कभी कोई ऐसा सबूत नहीं मिल सका जिसके आधार पर माना जाए कि हम अकेले नहीं हैं। हालांकि, हार्वड यूनिवर्सिटी के एक प्रफेसर ने न सिर्फ एलियंस के अस्तित्व का दावा किया है बल्कि यह भी कहा है कि करीब तीन साल पहले वे हमारे करीब से गुजर भी चुके हैं।

आम स्पेस रॉक नहीं
आम स्पेस रॉक नहीं

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रफेसर ऐवी लोएब का कहना है कि 19 अक्टूबर, 2017 को देखी गई स्पेस रॉक Oumuamua दरअसल एलियन लाइफ का सबूत थी। यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के PAN-STARRS1 टेलिस्कोप ने इसे देखा था। सिगार के आकार का ये ऑब्जेक्ट 1.96 लाख मील प्रतिघंटा की रफ्तार से धरती के करीब से गुजरा था और इसे धूमकेतु या ऐस्टरॉइड माना गया था। हालांकि, ऐवी का कहना है कि यह कोई आम स्पेस रॉक नहीं थी।

अजीब दिखता था Oumuamua
अजीब दिखता था Oumuamua

हारवर्ड यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ ऐस्ट्रोनॉमी के हेड ऐवी ने अपनी आने वाली किताब एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल में बताया है कि वह ऐसा क्यों मानते हैं। उन्होंने बताया है कि Oumuamua हर आठ घंटे पर सूरज की एक सी चमक रिफ्लेक्ट करता था। इससे संकेत मिलता है कि वह हर आठ घंटे पर अपने केंद्र पर पूरी तरह घूम लेता था। इससे पहले किसी दूसरे स्पेस ऑब्जेक्ट का आकार ऐसा नहीं पाया गया था। इसकी चमक सामान्य धूमकेतुओं या ऐस्टरॉइड्स से दस गुन ज्यादा थी।

सूरज का असर नहीं ?
सूरज का असर नहीं ?

सबसे बड़ा दावा जो ऐवी इसके एलियन लाइफ के सबूत के तौर पर देते हैं, वह है सूरज के गुरुत्वाकर्षण का असर। उन्होंने बताया कि सूरज के करीब जाने पर स्पेस ऑब्जेक्ट्स की रफ्तार तेज हो जाती है और दूर जाने पर धीमी। हालांकि, Oumuamua के साथ ऐसा नहीं हो रहा था। उन्होंने यह भी कहा है कि किसी धूमकेतु या ऐस्टरॉइड की तरह Oumuamua की कोई पूंछ नहीं थी और न ही इससे कार्बन के संकेत मिले। इसके चक्कर का जो रास्ता था, वह अपने आप में काफी अजीब था।

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