कोटा।एक पिता के लिए उसकी संतान की सफलता शायद सबसे ज्यादा मायने रखती है। यही वजह है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के घर भी इन दिनों उत्सवी माहौल बना हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी बेटी अंजली बिरला ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की है। आपको बता दें कि अंजली लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व डॉ. अमिता की बिरला की छोटी बेटी हैं। यूपीएससी की ओर से सोमवार को जारी सूची में नाम आने के बाद उनके शक्ति नगर स्थित निवास पर अजंली को बधाई देने वालों का तांता लग गया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) की छोटी बेटी अंजलि बिरला का सिविल सर्विसेज में चयन हुआ है। इससे परिवार में खुशी का माहौल है। आपको बता दें कि अंजलि ने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की। उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 की ओर से सोमवार को 89 उम्मीदवारों की जारी सूची में अपना नाम दर्ज करवाया है।
कोटा।
एक पिता के लिए उसकी संतान की सफलता शायद सबसे ज्यादा मायने रखती है। यही वजह है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के घर भी इन दिनों उत्सवी माहौल बना हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी बेटी अंजली बिरला ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की है। आपको बता दें कि अंजली लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व डॉ. अमिता की बिरला की छोटी बेटी हैं। यूपीएससी की ओर से सोमवार को जारी सूची में नाम आने के बाद उनके शक्ति नगर स्थित निवास पर अजंली को बधाई देने वालों का तांता लग गया।
आर्ट्स सब्जेक्ट में ही थी रूचि
पत्रकारों से चर्चा करते हुए अंजली बिरला ने बताया कि उन्होंने कोटा के सोफिया स्कूल से आर्ट्स में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद दिल्ली के रामजस कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस (ऑनर्स) में डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने एक वर्ष दिल्ली में रहकर ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की।
बहन आकांक्षा और माता-पिता को बताया प्रेरणास्त्रोत
पहले ही प्रयास में सफलता मिलने का श्रेय बड़ी बहन आकांक्षा बिरला को देते हुए अंजली ने कहा कि तैयारी के दौरान बड़ी बहन मोटिवेशन खास रहा। वे न सिर्फ उनका उत्साहवर्धन करती रहीं, बल्कि पढ़ाई और परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक की रणनीति बनाने में पूरा योगदान दिया। इस दौरान मां डा. अमिता बिरला और पिता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी स्वयं पर विश्वास बनाए रखने को प्रेरित किया।
युवाओ और पैरेंट्स की नए विषय के लिए प्रेरित करने की कोशिश
अंजली ने कहा कि भले ही परीक्षा की तैयारी वह कर रही थीं । लेकिन पूरा परिवार हर समय उनकी सहायता व सहयोग के लिए तैयार खड़ा रहता था। उन्होंने आगे कहा कि कोटा में अभिभावक आमतौर पर बच्चों को बायोलॉजी या मैथ्स लेने के लिए ही प्रेरित करते हैं। जबकि इन दोनों विषयों के इतर भी बहुत बड़ी दुनिया है। उनका प्रयास रहेगा कि यहां भी न सिर्फं युवाओं बल्कि उनके अभिभावकों को भी अन्य विषयों का चयन कर एक नई दुनिया की खोज करने को प्रेरित कर सकें।
10 से 12 घंटे की पढ़ाई, नए क्षेत्र में परिवार का नाम करना है रोशन
अंजली ने बताया कि उन्होंने प्रतिदिन 10 से 12 घंटे परीक्षा की तैयारी की। परीक्षा के लिए भी उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशन्स विषय चुने थे। परिवार में राजनीतिक माहौल होने के बाद भी प्रशासनिक सेवाओं के क्षेत्र में जाने के सवाल पर अंजली ने कहा कि पिता राजनीतिज्ञ हैं, मां चिकित्सक हैं । परिवार के सभी अन्य सदस्य भी किसी न किसी रूप में सामाजिक सेवा के क्षेत्र से जुड़े हैं। वे भी अपनी मेहनत से स्वयं के पैरों पर खड़ा होकर एक अलग दृष्टिकोण से परिवार से अलग एक नए क्षेत्र में समाज की सेवा करना चाहती थीं। लिहाजा यूपीएससी परीक्षाओं की ओर रूख किया।
महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र करना है काम
अंजली ने कहा कि वे किसी भी विभाग से जुड़कर सेवा देने को तैयार हैं, लेकिन महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करने का अवसर मिलने पर उन्हें विशेष खुशी मिलेगी।