चीन के सरकारी अखबार ने बताया कहां पर हैं अलीबाबा के संस्‍थापक अरबपति जैक मा

पेइचिंग
चीन के सबसे चर्चित बिजनसमैन () पिछले दो महीने से नहीं देखे गए हैं। अलीबाबा के संस्‍थापक और चीन के तीसरे सबसे बड़े अरबपति जैक मा अपने रिअल्‍टी टीवी शो में भी नहीं दिखाई दिए हैं और उन्‍हें जज की भूमिका से भी हटा दिया गया है। दुनियाभर में जैक मा को लेकर अटकलों का बाजार गरम है। इस बीच चीन के सरकारी अखबार पीपुल्‍स डेली ने जैक मा की मौजूदगी को लेकर बड़ा संकेत दिया है।

पीपुल्‍स डेली ने कहा क‍ि जैक मा को अब एक अज्ञात स्‍थान पर ‘निगरानी’ में रखा गया है। ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के सदस्‍य जैक मा को सरकार ने सलाह दी है कि वह देश को नहीं छोड़ें। माना जा रहा है कि जैक मा की इस दुर्दशा के पीछे चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनका विवाद और उनकी कंपनी अली पे को लेकर गहराया विवाद है। अली पे की स्‍थापना जैक मा ने 20 साल पहले की थी। यह दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल पेमेंट प्‍लेटफार्म है और 73 करोड़ लोग इसके यूजर हैं।

‘चीन में अब कोई भी जैक मा काल नहीं होगा’
चीन के सरकारी अखबार ने गत वर्ष नवंबर में ही कह दिया था कि अब कोई भी ‘जैक मा काल’ नहीं होगा। पीपुल्‍स डेली ने लिखा था, ‘जैक मा बुद्धिमान हैं लेकिन बिना राष्‍ट्रीय नीतियों के समर्थन के उनकी कंपनी ट्रिल्‍यन डॉलर का बिजनस साम्राज्‍य नहीं बन जाता। और अब आज जैक मा का न तो प्रभाव है और न ही उनकी लोकप्रियता है।’ अखबार ने अलीबाबा के संस्‍थापक पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि एंट ग्रुप के आईपीओ के निलंबित होने से ‘पैसे को नापसंद करने वाले’ जैक मा दुनिया के सबसे अमीर शख्‍स बनते-बनते रह गए।

पीपुल्‍स डेली ने कहा कि आईपीओ सस्‍पेंड होने से जैक मा की लोकप्रियता भी रातो-रात रसातल में चली गई। जैक अब लोगों के दिलों में खून चूसने वाले की हो गई है। एशिया टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक जैक मा ही केवल निगरानी में नहीं रखे गए हैं। चीन के एक अन्‍य चर्चित अरबपति बिजनस मैन लियू किआंगडोंग काफी समय से सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दिए हैं। लियू किआंगडोंग चीन की विशाल कंपनी JD.com का नेतृत्‍व करते हैं। कंपनी ने अब तक दो बार माफी मांगी है और जैक मा के हश्र से बचने के JD.com के मैनेजमेंट में बदलाव कर दिया है।

जैक मा ने की थी चीन सरकार की कड़ी आलोचना
जैक मा ने चीन के ‘ब्‍याजखोर’ वित्‍तीय नियामकों और सरकारी बैंकों की पिछले साल अक्‍टूबर में शंघाई में दिए भाषण में तीखी आलोचना की थी। दुनियाभर में करोड़ों लोगों के आदर्श रहे जैक मा ने सरकार से आह्वान किया था कि ऐसा सिस्‍टम में बदलाव किया जाए जो ‘बिजनस में नई चीजें शुरू करने के प्रयास को दबाने’ का प्रयास करे। उन्‍होंने वैश्विक बैंकिंग नियमों को ‘बुजुर्गों लोगों का क्‍लब’ करार दिया था। इस भाषण के बाद चीन की सत्‍तारूढ़ कम्‍युनिस्‍ट पार्टी भड़क उठी। जैक मा की आलोचना को कम्‍युनिस्‍ट पार्टी पर हमले के रूप में लिया गया। इसके बाद जैक मा के दुर्दिन शुरू हो गए और उनके बिजनस के खिलाफ असाधारण प्रतिबंध लगाया जाना शुरू कर दिया गया।

चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के आदेश पर सख्‍त ऐक्‍शन
नवंबर महीने में चीनी अधिकारियों ने जैक मा को जोरदार झटका द‍िया और उनके एंट ग्रुप के 37 अरब डॉलर के आईपीओ को निलंबित कर दिया। वॉल स्‍ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक जैक मा के एंट ग्रुप के आईपीओ को रद करने का आदेश सीधा चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से आया था। इसके बाद जैक मा से क्रिसमस की पूर्व संध्‍या पर कहा गया कि वह तब तक चीन से बाहर न जाएं जब तक कि उनके अलीबाबा ग्रुप के खिलाफ चल रही जांच को पूरा नहीं कर लिया जाता है।

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