कल धरती के करीब से गुजरेंगे कई ऐस्टरॉइड, कोई मिस्र के पिरामिड का आधा, कोई आइफिल टावर सा ऊंचा

वॉशिंगटन
ऐस्टरॉइड्स ऐसी चट्टानें होती हैं जो अंतरिक्ष में घूमती रहती हैं और कई बार हमारी धरती के करीब से गुजरती हैं। इतिहास में कई बार ये धरती से टकराई भी हैं लेकिन ज्यादातर सिर्फ खगोलीय नजारे और नई जानकारी देकर चली जाती हैं। हालांकि, साल 2021 का दूसरे हफ्ते में एक के बाद एक ताबड़तोड़ धरती के करीब से गुजरने वाले हैं।

6 जनवरी को 62 मीटर का ऐस्टरॉइड 2021 AC गुजरेगा जिसकी ऊंचाई मिस्र के ग्रेट पिरामिड की आधी है। यह 35 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा। इसके बाद 270 मीटर का 2016 CO247 करीब 74 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा। इसका आकार आइफिल टावर जितना है। आखिरी ऐस्टरॉइड होगा 2018 KP1। 32 मीटर का यह ऐस्टरॉइड 31 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा।

धरती को कितना खतरा?
इन ऐस्टरॉइड्स से धरती को किसी तरह का नुकसान होने की आशंका कम है। दरअसल, वायुमंडल में दाखिल होने के साथ ही आसमानी चट्टानें टूटकर जल जाती हैं और कभी-कभी की शक्ल में धरती से दिखाई देती हैं। ज्यादा बड़ा आकार होने पर यह धरती को नुकसान पहुंचा सकते हैं लेकिन छोटे टुकड़ों से ज्यादा खतरा नहीं होता। आमतौर पर ये सागरों में गिरते हैं क्योंकि धरती का ज्यादातर हिस्से पर पानी ही मौजूद है।

अगर किसी तेज रफ्तार स्पेस ऑब्जेक्ट के धरती से 46.5 लाख मील से करीब आने की संभावना होती है तो उसे स्पेस ऑर्गनाइजेशन्स खतरनाक मानते हैं। NASA का Sentry सिस्टम ऐसे खतरों पर पहले से ही नजर रखता है। इसमें आने वाले 100 सालों के लिए फिलहाल 22 ऐसे ऐस्टरॉइड्स हैं जिनके पृथ्वी से टकराने की थोड़ी सी भी संभावना है।

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