झारखंड सरकार की नई छात्रवृत्ति योजना: ऑक्सफोर्ड-कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में अपनी प्रतिभा तरासेंगे झारखंड के आदिवासी युवा

रवि सिन्हा, रांची
संविधान सभा के सदस्य रहे मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा झारखंड के पहले आदिवासी थे, जिन्होंने इंग्लैंड में शिक्षा ग्रहण कर राज्य का मान बढ़ाया था। अब उनकी तरह ही () के सहयोग से सूबे के आदिवासी युवा भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में अपनी प्रतिभा तरासेंगे। झारखंड के युवाओं (Jharkhand Youth) को लेकर राज्य सरकार (Hemant Soren Govt) ने एक नई छात्रवृत्ति योजना (New Scholarship Scheme) का शुभारंभ किया है।

22 विषयों में उच्च शिक्षा हासिल करने का मिलेगा मौका
इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से अनुसूचित जनजाति के 10 प्रतिभावान छात्र- छात्राओं को चुना जाएगा। उन्हें हर साल उच्चस्तरीय शिक्षा, मास्टर डिग्री, एमफिल के लिए छात्रवृत्ति की सहायता प्रदान की जाएगी। ये छात्र-छात्राएं मानव विज्ञान, कृषि, कला और संस्कृति, जलवायु परिवर्तन, अर्थशास्त्र, विधि, मीडिया और कम्युनिकेशन, पर्यटन समेत 22 विषयों में एक और दो वर्ष का कोर्स करेंगे। शोध के क्षेत्र में भी उच्च शिक्षा ग्रहण कर ये राज्य की समृद्धि की आगे बढ़ाएंगे।

इन्हें मिलेगा योजना का लाभ
मास्टर या एमफिल डिग्री के लिए अभ्यर्थी को स्नातक की डिग्री में 55 फीसदी अंक या समकक्ष, संबंधित विषय में दो साल का शिक्षण कार्य जरूरी होगा। आवेदक जिनके पास अनुभव हो, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदक की उम्र 40 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। आवेदक को झारखंड का स्थानीय निवासी होना चाहिए और इसके लिए जाति प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा।

आवेदक के माता-पिता की संपूर्ण पारिवारिक आय बारह लाख प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। आवेदन के साथ आयकर रिटर्न की प्रति उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। एक ही माता-पिता या अभिभावक के एक से अधिक बच्चे योजना के पात्र नहीं होंगे। इस योजना का लाभ किसी भी छात्र-छात्रा को किसी भी पाठ्यक्रम विशेष के लिए मात्र एक बार देय होगा। योजना अंतर्गत भारत सरकार के मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री के बच्चे शामिल नहीं किए जाएंगे।

यह वहन करेगी सरकार
चयनित छात्रों को शिक्षण शुल्क, पुस्तकों, आवश्यक उपकरण, वार्षिक अनुरक्षण भत्ता, वीजा शुल्क, हवाई यात्रा खर्च, स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम, यात्रा का और स्थानीय खर्च का वहन राज्य सरकार करेगी। शिक्षण शुल्क का भुगतान संबंधित विश्वविद्यालय को और अन्य खर्च का भुगतान डीबीटी के माध्यम से छात्रों के बैंक एकाउंट में होगा।

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