राजनीति में कामयाबी का एक छुपा हुआ सूत्र माना जाता है कि जिससे भी खतरा हो, उससे कभी खतरा मानने को तैयार न हो। ऐसा माहौल बनाओ कि जान पड़े किसी से कोई मुकाबला ही नहीं है। इसी सूत्र की वजह से वोटर्स को संदेश देने के लिए इस नारे का प्रचलन हुआ है कि ‘कहां पड़े हो चक्कर में, कोई नहीं है टक्कर में’, लेकिन यह ओवैसी की खुशकिस्मती है कि इन दिनों हर दूसरी पार्टी उनसे ही अपना खतरा बता दे रही है।