भारत में उत्पात मचा चुके टिड्डों के दूसरे हमले के संकट में अफ्रीकी देश

नैरोबी
साल 2020 पूर्वी अफ्रीका के लिए न सिर्फ कोरोना वायरस की महामारी की वजह से खराब रहा बल्कि टिड्डों के भयानक हमले के चलते भारी नुकसान भी उठाना पड़ा। वहीं 2021 में भी उसके सामने ये चुनौतियां जारी हैं। टिड्डियों के दल लौट आए हैं जिससे खाद्य सुरक्षा पर संकट खड़ा हो गया है। संयुक्त राष्ट्र ने साल की शुरुआत में ही चेतावनी जारी कर दी है कि दूसरा और शायद ज्यादा घातक हमला शुरू हो चुका है।

टिड्डों से कितना खतरा?
यूनिवर्सिटी ऑफ विटवॉटर्सरैंड में प्रफेसर फ्रांसिस डंकन ने बताया है कि पहली वेव के टिड्डों ने अलग-अलग जगहों पर जाकर अंडे दिए। अच्छी बारिश होने पर इन अंडों से और बच्चे निकलने लगे और अब दूसरी वेव का खतरा पैदा हो गया है। हालांकि, सीनियर लोकस्ट फोरकास्टिंग ऑफिसर का कहना है कि आने वाले महीने सूखे रहने की उम्मीद है। ऐसे में टिड्डों की समस्या के ज्यादा गंभीर रूप लेनी की आशंका कम है।

सबसे ज्यादा खतरा झेल रहे देश
केन्या में पिछले 70 साल में टिड्डों के कारण सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इसके अलावा इथियोपिया, सोमालिया, सूडान और यमन में कुल 3.5 करोड़ लोग खाने की कमी के खतरे का सामना कर रहे हैं। अगर नए हमले को रोका नहीं गया तो यह संख्या 3.85 करोड़ तक पहुंच सकती है।

भारत में भी राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा होते हुए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी टिड्डों ने खूब आतंक मचाया था। पाकिस्तान में भी टिड्डों के कारण खाद्य सुरक्षा पर खतरा पैदा हो गया था। पहले से चरमराई अर्थव्यवस्था को और बुरी स्थिति की सामना करना पड़ा था।

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