गरुड़ा, जिसे देखकर ही सिहर उठता है शरीर
केजीएफ में ‘गरुड़ा’ एक ऐसा किरदार था, जिसे देखकर ही सिहरन होने लगती है। केजीएफ गोल्ड माफिया सूर्यवर्धन का बेटा गरुड़ा। बिल्कुल असली विलन। फिल्म में राम ने इस किरदार को इतने खूबसूरत ढंग से निभाया कि उन्हें पर्दे पर देखते ही नफरत, चीख और गुस्से के भाव आ जाते हैं। एक कलाकार के लिए इससे बड़ी सफलता क्या होगी कि उसके निभाए विलन के किरदार से लोग नफरत करते हैं।
यश के बॉडीगार्ड थे रामचंद्र राजूयह दिलचस्प बात है कि रामचंद्रा राजू पूर्व में ऐक्टर नहीं थे। वह लंबे समय तक यश के साथ रहे हैं और उनके बॉडीगार्ड थे। दोनों लंबे वक्त से एक दूसरे को जानते हैं। ‘केजीएफ’ के बाद रामचंद्रा को कई फिल्में मिलीं। उनकी अपकमिंग फिल्मों में ‘सुल्तान’ के अलावा जयम रवि, अर्जुन सारजा की फिल्में शामिल हैं। इसके अलावा एक तेलुगू फिल्म भी राम की झोली में है।
स्क्रिप्ट सेशन के दौरान राम पर पड़ी प्रशांत की नजर‘केजीएफ’ के डायरेक्टर और राइटर प्रशांत नील ने ही पहली बार रामचंद्र राजू को देखा था। तब वह केजीएफ की स्क्रिप्ट को लेकर यश से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने रामचंद्र राजू से कहा कि वह गरुड़ा के रोल के ऑडिशन दें। इसके बाद राम ने ऐक्टिंग वर्कशॉप में हिस्सा लिया। एक साल तक जिम में खूब पसीना बहाया और एक परफेक्ट विलन बनकर यश के सामने खड़े हो गए।
‘सोचा नहीं था इतनी पॉप्युलैरिटी मिलेगी’अपने एक इंटरव्यू में रामचंद्र राजू कहते हैं कि उन्होंने कभी यह सोचा नहीं था कि वह फिल्मों में काम करेंगे। ‘गरुड़ा’ के किरदार ने उन्हें जैसी पॉप्युलैरिटी दी है, उसे वह सपने में भी नहीं सोच सकते थे। वह कहते हैं, ‘हां, यह सच है कि जब फिल्म बनकर तैयार हुई मैं तभी यह समझ गया था कि यह सुपरहिट होने वाली है।’
फिर सब करेंगे ‘सलाम रॉकी भाई’‘केजीएफ: चैप्टर-1’ साल 2018 में रिलीज हुई थी। यह पहली कन्नड़ फिल्म बनी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर 250 करोड़ रुपये से अधिक का जिनस किया। यह पहली कन्नड़ फिल्म है, जो पाकिस्तान में भी रिलीज हुई। अब ‘केजीएफ: चैप्टर-2’ का दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस फिल्म में यश यानी ‘रॉकी भाई’ के नए सिरे से उदय की कहानी दिखाई जाएगी। इस फिल्म में संजय दत्त जहां ‘अधीरा’ का रोल निभा रहे हैं, वहीं रवीना टंडन फिल्म में रमिका सेन के किरदार में है, जो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वाला रोल है।