‘मैं इससे ज्यादा क्या कर सकती थी।’ यह कहना है 50 वर्षीय रंजना अग्रवाल का। रंजना, जो ट्रांसजेंडर के लिए शेल्टर बनाने जा रही हैं। उन्होंने शेल्टर बनाने के लिए छोटी सी जमीन खरीदी है और इस जमीन के लिए उन्होंने अपने सारे गहने बेच दिए। ट्रासजेंडर के लिए बनने वाला यह शेल्टर उत्तर प्रदेश का पहला शेल्टर होगा।
पेशे से सोशल वर्कर रंजना ने कहा, ‘अपने पांच वर्षों के शोध के दौरान, मुझे उन समस्याओं के बारे में पता चला, जिनका सामना ट्रांसजेंडर समुदाय को हर दिन करना पड़ता है। कोई भी व्यक्ति उन्हें अपना घर किराए पर नहीं देता है। उन्हें आसानी से नौकरी भी नहीं मिलती है। रंजना ने कहा कि उन्होंने बुलंदशहर के खुर्जा में 50 वर्गगज प्लॉट खरीदा है। उनके पास रुपये कम पड़े तो उन्होंने अपने सारे गहने बेच दिए, जिनकी कीमत दो लाख रुपये थी।
एक साथ बीस ट्रांसजेंडरों के रहने की क्षमता
बुधवार को इस जमीन पर शिलान्यास का कार्यक्रम किया गया। रंजना ने कहा कि शेल्टर बनने के बाद एक साथ यहां पर 20 ट्रांसजेंडर्स रह सकेंगे। रंजना न बताया, ‘मैं अपने पति, दो बेटों और ससुराल वालों के साथ किराए के मकान में रहती हूं। लेकिन जब मैं इन लोगों के करीब आई और उनकी समस्याओं के बारे में जाना, तो मैंने उन्हें पहले रहने के लिए जगह दिलाने का संकल्प लिया।’
गुजरात में बना देश का पहला ट्रांसजेंडर के लिए शेल्टर
महिला कल्याण चेतना समिति नाम के एक एक गैर सरकारी संगठन की सचिव रंजना ने बताया कि यह यूपी का पहला आश्रय गृह होगा जो ट्रांसजेंडर्स को समर्पित होगा। देश का पहला इस तरह का शेल्टर पिछले साल दिसंबर में गुजरात के वडोदरा में खोला गया है।
अन्य लोगों ने दिया साथ
रंजना का मानना है कि यह सही दिशा में एक छोटा कदम है। उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि यह एक छोटा सा आवास होगा। लेकिन मैंने सरकार को इस समुदाय के प्रति उसके कर्तव्यों की याद दिलाने के लिए यह कदम उठाया है। हमें कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं से मदद की पेशकश मिली, जो नेक काम के लिए दान करने के लिए तैयार हैं।’ सामाजिक कल्याण अधिकारी नागेंद्र पाल सिंह ने कहा कि यह एक बड़ी पहल है। ट्रांसजेंडर समुदाय के कई लोगों को आश्रय मिलेगा। हम भी हर संभव मदद करेंगे।