संधू ने कहा कि यह किसानों का समर्थन करने का उनका तरीका है जो इतनी ठंड में खुद की परवाह किए बगैर आंदोलन कर रहे हैं। संधू ने पटियाला में अपने घर से कहा, ‘मैं किसानों के परिवार से आया हूं, उनके डर को संबोधित किया जाना चाहिए। अगर चल रही बातचीत से किसानों के लिए संतोषजनक नतीजा नहीं निकलता तो मैं अवॉर्ड लौटा दूंगा।’
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विजेंदर सिंह जब 2008 में ओलिंपिक पदक जीतने वहले भारतीय मुक्केबाज बने थे, तब संधू राष्ट्रीय कोच थे और उनकी कोचिंग के दौरान ही आठ भारतीय मुक्केबाजों ने लंदन 2012 ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ किया था। संधू को इससे पहले ही 1998 में द्रोणाचार्य पुरस्कार से नवाजा गया था।
उन्होंने कहा, ‘यह पुरस्कार मेरे लिए काफी मायने रखता है लेकिन साथी किसानों का दुख इससे भी ज्यादा अहमियत है। इस सर्दी में उन्हें सड़कों पर बैठे हुए देखना मेरे लिए बहुत कष्टकारी है। सरकार को उनसे बातचीत करने की जरूरत है और उनके संदेहों को दूर करके उन्हें आश्वस्त करने की जरूरत है।’
उन्होंने कहा, ‘अगर इसका संतोषजनक हल निकलता है तो मैं ऐसा नहीं करूंगा लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो मैं पुरस्कार लौटा दूंगा।’ कई पूर्व खिलाड़ियों ने भी आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन किया है जिसमें पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कृत पहलवान करतार सिंह, अर्जुन पुरस्कृत बास्केटबॉल खिलाड़ी साजन सिंह चीमा और अर्जुन अवॉर्डी हॉकी खिलाड़ी राजबीर कौर शामिल हैं।