जो बाइडन को राष्ट्रपति बनने से रोकने के लिए अमेरिकी संसद को जंग का मैदान बनाने वाले डोनाल्ड ट्रंप समर्थकों की हिंसा बेअसर साबित हुई। गुरुवार अल सुबह उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने रात को करीब पौने चार बजे (भारतीय समायनुसार करीब दो बजे दोपहर) जो बाइडन के जीत का ऐलान कर दिया। अमेरिकी संसद में करीब 15 घंटे तक चली बहस और दंगे के बाद माइक पेंस ने बाइडन के इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों के आधार पर जीत की घोषणा कर दी। इस बीच डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि 20 जनवरी को जो बाइडन को ‘व्यवस्थित’ तरीके से सत्ता का हस्तांतरण होगा।
ट्रंप ने एक बयान में कहा, ‘हालांकि मैं चुनाव के नतीजों से पूरी तरह असहमत हूं, इसके बावजूद 20 जनवरी को व्यवस्थित तरीके से सत्ता का हस्तांतरण होगा।’ संसद में बाइडन (78) और हैरिस (59) की जीत की पुष्टि के बाद ट्रंप ने कहा कि इस निर्णय के साथ ‘राष्ट्रपति के तौर पर शानदार पहले कार्यकाल का अंत हो गया है।’ चुनाव में धांधली के बारे में अपने दावों को दोहराते हुए ट्रंप ने कहा, ‘अमेरिका को फिर से महान बनाने के लिए यह हमारे संघर्ष की शुरुआत है।’ बाइडन और हैरिस 20 जनवरी को पद की शपथ लेंगे।
बाइडन की जीत को लेकर कई आपत्तियां खारिज
इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने बाइडन की जीत को लेकर कई आपत्तियां कीं लेकिन सभी को खारिज कर दिया गया। इससे पहले अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थक अमेरिकी कैपिटल में घुस गए और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। इन घटनाओं में 4 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। साथ ही नए राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन के नाम पर मोहर लगाने की संवैधानिक प्रक्रिया बाधित हुई थी। कांग्रेस के सदस्य बुधवार को इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की गिनती कर रहे थे, इसी दौरान बड़ी संख्या में ट्रंप के समर्थक सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए कैपिटल इमारत में घुस गए।
सीनेट तथा पूरे कैपिटल को बंद कर दिया गया
पुलिस को इन प्रदर्शनकारियों को काबू करने में काफी मश्क्कत करनी पड़ी। इन हालात में प्रतिनिधिसभा और सीनेट तथा पूरे कैपिटल को बंद कर दिया गया। उपराष्ट्रपति माइक पेंस और सांसदों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। समाचार चैनल ‘सीएनएन’ ने मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग के एक प्रवक्ता के हवाले से एक खबर में बताया कि एक महिला जिसे कैपिटल के भीतर गोली मारी गई थी उसकी मौत हो गई है। कुल 4 लोग मारे गए हैं और तीन अन्य घायल हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों के हमले में कई अधिकारी घायल हुए हैं। बिगड़ते हालात के बीच राष्ट्रीय राजधानी में कर्फ्यू लगा दिया गया।
हालांकि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर उतर आए। मेयर मुरियल बोसर ने दोपहर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी थी। अधिकारियों ने ट्रंप समर्थकों द्वारा करीब चार घंटे तक की गई हिंसा पर काबू पाने के बाद कहा कि कैपिटल अब सुरक्षित है। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी। प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने सहकर्मियों को लिखे एक पत्र में कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने कैपिटल में शांति होने के बाद संयुक्त सत्र आज रात फिर शुरू करने का फैसला किया है।
ट्रंप ने कानून का पालन करने और घर जाने की अपील की
ट्रंप, जो पहले अपने समर्थकों को बढ़ावा दे रहे थे, हिंसा के बाद उन्होंने उनसे कानून का पालन करने और घर जाने की अपील की। ट्रंप ने एक वीडियो संदेश में कहा था, ‘यह चुनाव धोखाधड़ी भरे थे, लेकिन हम ऐसा कुछ नहीं कर सकते, जिससे खुद को नुकसान पहुंचे और दूसरों को फायदा। हमें शांति चाहिए ही चाहिए। इसलिए घर जाएं।’ राष्ट्रपति चुनाव में धांधली संबंधी पोस्ट लगातार करने पर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट पर बुधवार को 12 घंटे के लिए रोक लगा दी।
ट्विटर ने चेतावनी भी दी कि अगर भविष्य में ट्रंप ने नियमों का उल्लंघन किया तो उनके अकाउंट पर स्थायी रूप से रोक लगा दी जाएगी। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस पूरी घटना पर कहा कि वह स्तब्ध और काफी दुखी हैं कि अमेरिका को ऐसा दिन देखना पड़ा। बाइडन ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा, ‘इस समय, हमारे लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला हो रहा है। हमने आधुनिक समय में ऐसा कभी नहीं देखा। स्वतंत्रता के गढ़, कैपिटल पर हमला। लोगों का प्रतिनिधित्व करने वालों और कैपिटल हिल पुलिस…और लोक सेवक जो हमारे गणतंत्र के मंदिर में काम करते हैं उन पर हमला…’
‘संविधान की रक्षा करने की अपील करता हूं’
उन्होंने कहा, ‘मैं स्पष्ट करना चाहूंगा। कैपिटल में अराजकता का यह दृश्य असल अमेरिका को प्रतिबंबित नहीं करता। हम जो हैं, उसका प्रतिनिधित्व नहीं करता। हम देख रहे हैं, कि थोड़ी सी संख्या में कुछ कट्टरपंथी अराजकता फैला रहे हैं। यह अव्यवस्था है। यह अराजकता है। यह राजद्रोह के समान है। इसका अब अंत होना चाहिए।’ उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, ‘मैं राष्ट्रपति ट्रंप से अपनी शपथ का मान रखते हुए, राष्ट्रीय टेलीविजन पर जाकर इसके अंत की मांग करते हुए संविधान की रक्षा करने की अपील करता हूं।’