सुप्रीम कोर्ट का जमानत पर बड़ा फैसला, कहा- बेल कैंसल करने का आधार नहीं हो सकती चार्जशीट

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि समय पर चार्जशीट दाखिल न किए जाने के आधार पर अगर आरोपी को जमानत मिलती है तो चार्जशीट के बाद दोबारा गिरफ्तारी नहीं किया जा सकता है। जमानत कैंसल अन्य ग्राउंड पर हो सकता है लेकिन चार्जशीट जमानत कैंसल करने का आधार नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता आरोपी कमलेश की ओर से अर्जी दाखिल कर हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।

दरअसल पूरा मामला राजस्थान का है जहां कमलेश के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाली समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। आरोपी को तब जमानत मिल गई जब गिरफ्तारी से तय समयसीमा के भीतर अभियोजन पक्ष ने चार्जशीट दाखिल नहीं की। सीआरपीसी की धारा-167 (2) के तहत प्रावधान है कि गिरफ्तारी के 60 दिन और कुछ मामलों में 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं होने पर आरोपी जमानत का हकदार होगा।

जमानत पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट?
आरोपी को इसी ग्राउंड पर हाई कोर्ट से जमानत मिली थी लेकिन हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि आरोपी के खिलाफ जब चार्जशीट दाखिल हो जाएगी तो उसे दोबारा गिरफ्तार किया जा सकता है। हाई कोर्ट के आदेश के इसपार्ट के खिलाफ आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के बसीर केस के जजमेंट का हवाला देकर कहा कि चार्जशीट जमानत कैंसल करने का आधार नहीं हो सकता। जमानत अन्य ग्राउंड पर कैंसल हो सकता है और हाई कोर्ट के उक्त टिप्पणी को खारिज कर दिया।

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