बीएसईएस राजधानी, बीएसईएस यमुना को 1,846 करोड़ रुपये बकाया चुकाने का नोटिस

नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाष) दिल्ली सरकार और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लि. के संयुक्त उद्यम वाली दो बिजली वितरण कंपनियों से 1,864 करोड़ रुपये का पिछले बकाये का भुगतान करने को कहा गया है अन्यथा कंपनियों को दिवाला कार्रवाई का सामना करने को कहा गया है। भुगतान नोटिस में यह कहा गया है। सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी, हरियाणा पावर जनरेशन कॉरपोरेश्न लि. (एचपीजीसीएल) और इंद्रप्रस्थ पावर जनरेशन कंपनी लि. (आईपीजीसीएल) की संयुक्त उद्यम अरावली पावर कंपनी प्राइवेट लि. (एपीसीपीएल) ने उसके झज्जर बिजलीघर से खरीदी गयी बिजली के भुगतान में असफल रहने को लेकर बीएसईएस राजधानी पावर और बीएसईएस यमुना पावर को नोटिस दिया है। दो जनवरी को दिये गये नोटिस के अनुसार संयुक्त उद्यम कंपनी ने बीएसईएस राजधानी पावर लि. (बीआरपीएल) से 999 करोड़ रुपये और बीएसईएस यमुना पावर लि. (बीवाईपीएल) से 865 करोड़ रुपये की मांग की है। यह बकाया मार्च 2020 से पहले खरीदी गयी बिजली का है। इसके बाद के बकाये के भुगतान के लिये फिलहाल दबाव नहीं डाला जा रहा है क्योंकि इसके बाद की अवधि को महामारी प्रभावित समय करार दिया गया है। नोटिस में कंपनी ने दोनों से पत्र प्राप्ति की तारीख से 10 दिन के भीतर पूरे बकाये का भुगतान करने को कहा है। इसमें कहा गया है, ‘‘ऐसा नहीं करने पर हम दिवाला कार्रवाई के तहत कंपनी ऋण शोधन अक्षमता समाधान प्रक्रिया शुरू करेंगे।’’ नये ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता (आईबीसी) के तहत कर्ज देने वाली कंपनी, बकाया नहीं चुकाने वाली कंपनी के खिलाफ बकाये की वसूली के लिये दिवाला कार्रवाई शुरू कर सकती है। इस बारे में बीआरपीएल और बीवाईपीएल से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं मिल पायी है। एसीपीसीएल के हरियाणा के झज्जर में कोयला आधारित बिजलीघर है। बीआरपील और बीवाईपीएल ने उस संयंत्र से बिजली की खरीद की है। बीआरपीएल और बीवाईपीएल में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि शेष दिल्ली सरकार के पास है। बीआरपीएल राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिण और पश्चिम क्षेत्र के 21 जिलों में जबकि बीवाईपीएल पूर्वी दिल्ली में बिजली बेचती है।

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