सरकार और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच आठवें दौर की बातचीत कल होगी। वार्ता से एक दिन पहले शिरोमणि अकाली दल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि किसानों का केंद्र सरकार से भरोसा उठ चुका है। उन्होंने कहा- ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आंदोलनकारी किसानों से सीधे बातचीत करनी चाहिए।’
‘बहरे कानों तक नहीं पहुंच रहीं किसानों की आवाजें’
पूर्व मंत्री हरसिमरत ने कहा, ‘यह अजीब है कि किसान कंपकंपा देने वाली ठंड में खुले में रात गुजार रहे हैं और बहरे कानों तक उनकी आवाजें नहीं पहुंच पा रही है।’ उन्होंने कहा, ‘अब जो स्थिति पैदा हुई है और विरोध हो रहा है, इससे बचने के लिए मैं महीनों तक मंत्रिमंडल की बैठकों में या केंद्र सरकार के शीर्ष नेताओं के साथ सीधी वार्ता में मैं यह कहती रही कि तीनों विधेयक लाने के पहले एक बार किसानों की बात सुन लीजिए क्योंकि वे देश के अन्नदाता हैं। अन्यथा आंदोलन होगा, लोग विरोध प्रदर्शन करेंगे। लेकिन बहरे कानों तक मेरी आवाज नहीं पहुंच पाई।’
‘अन्नदाताओं की मौत के लिए कौन जिम्मेदार?’
पूर्व मंत्री बादल ने कहा कि केंद्र देश में किसानों का भरोसा गंवा चुका है। ‘किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार के दरवाजे पर मर रहे हैं। देश में अन्नदाताओं की मौत के लिए कौन जिम्मेदार होगा?’ उन्होंने कहा कि पिछले छह सात-हफ्तों में किसानों ने जो सामना किया है केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्हें भी इसका सामना करना पड़ा था।