पत्रकार के बेटे की हत्या, जंगल में मिला अधजला शव, बीजेपी ने सरकार पर साधा निशाना

रवि सिन्हा, रांची
झारखंड के खूंटी में पत्रकार अनिल मिश्रा के 28 वर्षीय बेटे संकेत कुमार मिश्रा की अज्ञात अपराधियों ने निर्मम हत्या (Murder in Jharkhand) कर दी। अपराधियों ने गला रेत कर हत्या करने के बाद सबूत छिपाने के लिए शव को जलाने की भी कोशिश की। कर्रा थाना क्षेत्र के छाता नदी किनारे जंगल से पुलिस ने गुरुवार को मृतक का जला शव बरामद () किया। इस सनसनीखेज वारदात को लेकर हंगामा बढ़ने लगा है। पत्रकारों के कई संगठन ने इस घटना की निंदा की है और पुलिस से अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग की है। बीजेपी ने भी कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना () साधा।

परिजन बोले- ऑफिस के लिए निकला था बेटापरिजनों ने बताया कि 5 जनवरी से काम पर निकलने की बात कह कर संकेत घर से मोपेड से निकले थे। पुलिस को स्थानीय लोगों ने छाता नदी किनारे सखुआ जंगल के बीच एक शव होने की सूचना दी। सूचना के आधार पर पुलिस ने घटनास्थल पर मृतक का शव, खून के छींटे और कुछ दूरी पर मोपेड और हेलमेट बरामद किया। जांच में मृतक की पहचान तेरपा के पत्रकार अनिल मिश्रा के 28 वर्षीय बेटे संकेत कुमार मिश्रा के तौर पर हुई।

सबूत छिपाने के लिए आरोपियों ने लगा दी आगअनिल मिश्रा खूंटी के तोरपा के रहने वाले हैं, उनके दो पुत्रों में छोटे संकेत मिश्रा ने रांची में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम पकड़ा था। वह अस्थायी तौर पर रातू स्थित ससुराल में रह रहे थे। पुलिस अधिकारियों का कहना कि शुरूआती जांच में मामला हत्या का प्रतीत हो रहा है। हत्या के बाद शव छिपाने की नीयत से आग लगाई गई। पुलिस का दावा है कि मृतक के अंतिम लोकेशन और कॉल डिटेल के आधार पर 24 घंटे के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष का हेमंत सरकार पर निशानाबताया गया है कि अनिल मिश्रा ने बेटे के लाश की पहचान की। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। इस बीच पत्रकारों के कई संगठनों ने इस घटना की निंदा की है। पुलिस से अपराधियों के गिरफ्तारी की मांग की है। साथ ही पीड़ित परिवार के लिए सरकार से मुआवजा भी मांगा है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने इस घटना के बाद हेमंत सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस सरकार में कानून व्यवस्था का डर समाप्त हो गया है। हेमंत सरकार राज्य को संभालने में असफल साबित हुई है। हालात यह है कि पत्रकार के परिवार भी इस राज्य में सुरक्षित नहीं है।

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