बस सरकार के ऑर्डर का इंतजार, सप्लाई के लिए तैयार है कोवीशील्ड और कोवैक्सीन

कोरोना वैक्सीन की थोक खरीद के लिए उचित प्रक्रिया और सर्टिफिकेशन की औपचारिकताएं शुक्रवार तक पूरी कर ली जाने की संभावना है। एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि सरकार ने पीए-केयर्स फंड से पहले 10 करोड़ वैक्सीन डोज की खरीदारी का फैसला किया है।

देश में कोविड-19 महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण का ड्राइ रन शुक्रवार को हो रहा है। उधर, ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रेजेनेका की ओर से विकसित कोवीशील्ड (Oxford and AstraZeneca Covid Vaccine Covishield) तथा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (ICMR and Bharat Biotech Corona Vaccine Covaxin) की सप्लाई जल्द शुरू होने वाली है।

Corona Vaccine : बस सरकार के ऑर्डर का इंतजार, सप्लाई के लिए तैयार है कोवीशील्ड और कोवैक्सीन

कोरोना वैक्सीन की थोक खरीद के लिए उचित प्रक्रिया और सर्टिफिकेशन की औपचारिकताएं शुक्रवार तक पूरी कर ली जाने की संभावना है। एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि सरकार ने पीए-केयर्स फंड से पहले 10 करोड़ वैक्सीन डोज की खरीदारी का फैसला किया है।

कोवीशील्ड और कोवैक्सीन से टीकाकरण अभियान का आरंभ
कोवीशील्ड और कोवैक्सीन से टीकाकरण अभियान का आरंभ

पहले पहल ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की ओर से विकसित कोवीशील्ड के डोज दिए जाएंगे। कोवीशील्ड का उत्पादन भारतीय कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कर रही है। अधिकारी ने बताया, “जल्द ही करीब 10 करोड़ वैक्सीन डोज का ऑर्डर एसआईआई को दिया जाएगा। हालांकि, पहली बार तीन करोड़ से ज्यादा डोज की आपूर्ति होगी। इनमें कुछ भारत बायोटेक की कोवैक्सीन भी शामिल होगी।”

इन चार डिपो में रखी जाएगी वैक्सीन
इन चार डिपो में रखी जाएगी वैक्सीन

सप्लाई ऑर्डर मिलते ही कंपनियां करनाल, मुंबई, चेन्नै और कोलकाता के चार मुख्य डिपो में वैक्सीन भेज दी जाएगी। वहां से राज्यों में निर्मित 37 वैक्सीन स्टोर तक पहुंचाई जाएंगी। तब राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें वैक्सीन जिलों तक पहुंचाएंगी। जिलों से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक और फिर अस्पतालों में निर्मित उपकेंद्रों तथा अन्य निर्धारित केद्रों तक वैक्सीन पहुंचाई जाएगी। पूरी प्रक्रिया की रियल टाइम मॉनिटरिंग कोविन (Co-WIN) प्लैटफॉर्म पर होगी।

तैयार है कोवीशील्ड की खेप
तैयार है कोवीशील्ड की खेप

महाराष्ट्र के पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) में कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड तैयार है और वहां से सप्लाई की व्यवस्था भी हो गई है। इसके लिए पुणे एयरपोर्ट पर भी तैयारी पूरी कर ली गई है। इस तरह दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन सप्लाई का अभियान शुरू होने वाला है। एसआईआई के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव ने कहा, “हमने 5 करोड़ डोज तैयार कर रखा है और जिस दिन सरकार का ऑर्डर मिला, उसी दिन इसकी आपूर्ति करने में सक्षम हैं।”

देशभर में चौबीसों घंटे काम करेंगे कंट्रोल रूम
देशभर में चौबीसों घंटे काम करेंगे कंट्रोल रूम

देशभर में कंट्रोल रूम का चेन तैयार किया गया है जिनमें एक-एक राज्य स्तर पर जबकि 700 से ज्यादा जिला स्तर पर काम करेंगे। ये चौबीसों घंटे काम करेंगे।

दिल्ली में स्टोरेज सेंटर होगा RGSSH
दिल्ली में स्टोरेज सेंटर होगा RGSSH

अगले कुछ दिनों में वैक्सीन दिल्ली पहुंचने लगेगी। इसे दिलशाद गार्डन स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में स्टोर किया जाएगा। यहां कुल 4,700 वर्ग फीट के आठ बड़े-बड़े कमरों में वैक्सीन रखी जाएगी। यहां से सभी 11 जिलों में ढुलाई के लिए 603 कोल्ड चेन पॉइंट्स तैयार किए गए हैं। पहले चरण में 51 लाख स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चों पर तैनात कर्मियों को 1,000 टीकाकरण केंद्रों पर टीके लगाए जाएंगे।

स्वास्थ्य मंत्रियों की मीटिंग में उठे मुद्दे
स्वास्थ्य मंत्रियों की मीटिंग में उठे मुद्दे

कुछ राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट कनेक्सन, सॉफ्टवेयर में खामियां और इतने बड़े अभियान के लिहाज से बुनियादी जरूरतों की कमी जैसी समस्याओं पर चिंता जताई। उन्होंने केंद्र सरकार से एयर एंबुलेंस की व्यवस्था करवाने की भी मांग की ताकि टीका लगने के गलत प्रभाव सामने आने पर मरीज को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया जा सके। ये मुद्दे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता में हुई राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के दौरान उठे।

जम्मू-कश्मीर में 2G से कैसे होंगे ऑनलाइन अपडेट?
जम्मू-कश्मीर में 2G से कैसे होंगे ऑनलाइन अपडेट?

मीटिंग में शामिल जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल (LG) के प्रतिनिधि ने बताया कि पूरे केंद्रशासित प्रदेश में 2G कवरेज है, इसलिए सॉफ्टवेयर अपडेट करने में मुश्किलें आ रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि ऑफलाइन अपडेट का वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि बाद में इंटरनेट मिलने पर सॉफ्टवेयर अपडेट किया जा सके।

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