किसान आंदोलन के बीच उठा सतलुज यमुना लिंक का मुद्दा, कृषि मंत्री से मिला प्रतिनिधिमंडल

नई दिल्ली
हरियाणा के किसानों के एक समूह ने गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। इस प्रतिनिधमंडल ने प्रदर्शनकारी किसान संघों के साथ शुक्रवार होने वाली आठवें दौर की वार्ता में उन्हें भी शामिल करने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि वे सतलुज यमुना संपर्क (एसवाईएल) नहर का लंबे समय से लंबित मुद्दा उठाना चाहते हैं। इसके अलावा, जाने-माने धार्मिक नेता पंजाब के नानकसर गुरुद्वारा के प्रमुख बाबा लखा ने भी तोमर से यहां अलग से मुलाकात की और किसानों के प्रदर्शनों से संबंधित मुद्दों लेकर चर्चा की। हरियाणा युवा किसान संघर्ष समिति (एचवाईकेएसएस) के सदस्य तोमर से मिले हैं। इस संगठन के प्रमुख पूर्व विधायक नरेश यादव अतेली हैं।

इस संगठन का जोर एसवाईएल मुद्दे पर था। बीस किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल महेंद्रगढ़ जिले के अतेली शहर से 130 किलोमीटर तक सफर पैदल तय करके राष्ट्रीय राजधानी पहुंचा है। वे 30 दिसंबर को रवाना हुए थे। पत्रकारों से बातचीत करते हुए अतेली ने कहा, ‘मैंने मंत्री से कहा कि आप 8 जनवरी की बैठक के लिए किसान नेताओं को आमंत्रित कर रहे हैं। कृपया हमारे 11 सदस्यों को भी आमंत्रित करें। हम भी किसान हैं और एसवाईएल नहर का मुद्दा उठाना चाहते हैं।’

उन्होंने कहा कि एसवाईएल का मुद्दा 45 साल पुराना है जबकि नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन हालिया है। सरकार को पंजाब के साथ एसवाईएल नहर का मुद्दा निपटाने को प्राथमिकता देनी चाहिए। अतेली ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का आदेश भी हरियाणा के पक्ष में आया है और अगर नहर का काम पूरा हो गया होता तो राज्य को लाखों हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए पानी मिल गया होता।

एचवाईकेएसएस के प्रमुख ने कहा कि मुद्दे को केंद्रीय जनशक्ति मंत्रालय के साथ भी उठाया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन से लोगों को परेशानी हो रही है, क्योंकि इससे यातायात जाम हो गया है।

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