अमेरिकी संसद कैपिटल हिल के बाहर बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की हिंसा के दौरान भारत का झंडा तिरंगा फहराने वाले शख्स की पहचान हो गई है। तिरंगे झंडे को भारतीय मूल के विन्सन पलथिंगल ऊर्फ विंसेंट जेवियर फहरा रहे थे। विन्सन प्रदर्शन के दौरान कैपिटल हिल के बाहर मौजूद हजारों लोगों की भीड़ में शामिल थे और डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे।
विन्सन ने पहले फेसबुक पर कैपिटल हिल के बाहर तिरंगा फहराने की तस्वीर पोस्ट की थी लेकिन बाद में उसे डिलीट कर दिया। विन्सन ने दावा किया कि वर्ष 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में जमकर धोखाधड़ी हुई है। राष्ट्रपति ट्रंप ने भी इसी तरह का दावा किया है लेकिन चुनाव अधिकारियों ने उनके इस दावे को सबूतों के साथ खारिज कर दिया है। केरल के मनोरमा न्यूज के मुताबिक विन्सन कोच्चि के चंबाक्करा का रहने है।
‘ट्रंप की रैलियों में हमेशा खूब मजा आता है’
कहा जा रहा है कि विन्सन उन भारतीय मूल के लोगों में शामिल है जिसे ट्रंप प्रशासन ने राष्ट्रपति के निर्यात परिषद में शामिल करने के लिए सिफारिश की गई थी। विन्सन ने मनोरमा न्यूज से कहा कि वह चुनाव में धांधली के खिलाफ प्रदर्शन के लिए गया था, हिंसा से उसका कोई वास्ता नहीं है। विन्सन ने फेसबुक पर कहा, ‘ट्रंप की रैलियों में हमेशा खूब मजा आता है।’ हालांकि उसने अब इसे डिलीट कर दिया है।
बता दें कि कैपिटल हिल के सामने और अंदर हिंसा पर उतारू हजारों ट्रंप समर्थकों की भीड़ को तितर-बितर करने में प्रशासन के पसीने छूट गए थे। इस दौरान 5 लोगों की मौत भी हो गई। वहीं, घटनास्थल का एक वीडियो भारत में खासा शेयर किया जा रहा है जिसमें ट्रंप समर्थकों की भीड़ में भारतीय तिरंगा दिखाई दे रहा है। इस झंडे के सामने आने के बाद भारत में वरुण गांधी और शशि थरूर के बीच विवाद हो गया था।
‘भारतीय झंडे की क्या जरूरत?’
भारतीय जनता पार्टी के नेता वरुण गांधी ने भी वीडियो ट्वीट करते हुए सवाल किया है कि भारत का झंडा यहां क्या कर रहा है। उन्होंने लिखा है कि इस लड़ाई में हमें हिस्सा लेने की कोई जरूरत नहीं है। अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय रहता है। राष्ट्रपति चुनावों के दौरान इस समूह को लुभाने की कोशिश डेमोक्रैट और रिपब्लिकन, दोनों खेमों की ओर से की गई थी।
भारतीय मूल की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की मौजूदगी से अंदाजा लगाया जा रहा था कि भारतीयों का समर्थन डेमोक्रैट्स को मिलेगा। हालांकि, बड़ी संख्या में भारतीय ट्रंप के भी समर्थक हैं और जमकर उनके लिए प्रचार भी किया गया था। खासकर भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के साथ ट्रंप के संबंध काफी अच्छे रहे हैं। इसका असर भारतीयों के ट्रंप की ओर रुझान के रूप में देखा गया है।