प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए न्यू अटेली स्टेशन से दुनिया की पहली डबल स्टैक इलेक्ट्रिक कंटेनर ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। 1.5 किमी लंबी इस ट्रेन के वैगन की क्षमता पुरानी मालगाड़ियों से 14 फीसदी अधिक है। यह इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन से चलने वाली दुनिया की पहली है। यह ट्रेन अकेले 270 ट्रकों का भार उठाने में सक्षम है। यानी केवल एक ट्रेन सड़कों पर 270 ट्रकों का दबाव कम कर देगी जिसका सबसे बड़ा फायदा पर्यावरण को होगा।
डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन (ऊपर-नीचे कंटेनर लेकर चलने वाली मालगाड़ी) के परिचालन में 25 टन का बढ़ा हुआ एक्सल लोड होगा। इसे डीएफसीसीआईएल ( Corporation of India Limited) के लिए आरडीएसओ के वैगन विभाग द्वारा डिज़ाइन किया गया है। बीएलसीएस–ए और बीएलसीएस–बी वैगनों की प्रतिकृति के परिचालन के परीक्षण पहले ही पूरे हो चुके हैं। यह डिजाइन क्षमता उपयोग और पॉइंट लोडिंग को अधिकतम स्तर पर ले जायेगा। कंटेनर इकाइयों के लिहाज से डब्ल्यूडीएफसी पर एक लॉन्ग हॉल डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन में जुड़े ये वैगन भारतीय रेलवे की वर्तमान क्षमता की तुलना में चार गुना अधिक कंटेनर इकाइयों को ढो सकते हैं।
100 किलोमीटर की स्पीड से चल सकेंगी मालगाड़ियांडीएफसीसीआईएल भारतीय रेलवे की पटरियों पर 75 किलोमीटर प्रति घंटे की मौजूदा अधिकतम गति के मुकाबले 100 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से मालगाड़ियां चलाएगा, वहीं भारतीय रेलवे की लाइनों पर मालगाड़ियों की 26 किलोमीटर प्रति घंटे की मौजूदा औसत गति को बढ़ाकर डीएफसी पर 70 किलोमीटर प्रति घंटा भी किया जाएगा।
रेलवे देश में दो डेडिकेटेड कॉरिडोर विकसित कर रहा है। इनमें से 1856 किमी लंबा पूर्वी कॉरिडोर लुधियाना को कोलकाता से जोड़ेगा। इसी तरह दादरी से मुंबई के बीच 1504 किमी लंबा पश्चिमी कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। इनकी कुल लागत 81 हजार करोड़ रुपये है और इनसे 50 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।