की अध्यक्षा और महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाली ने शिर्डी के साईं बाबा संस्थान को भ्रष्टाचार का एक बड़ा अड्डा बताया है। उन्होंने कहा कि शिर्डी संस्थान (Shirdi Sai Temple) जितना बड़ा है उतना ही ज्यादा अब विवादित भी हो चुका है। बीती शाम भूमाता ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने ( in Shirdi Sai Temple) साईं संस्थान पर महिलाओं के ड्रेस कोड वाले पोस्टर पर कालिख पोत कर अपना विरोध जताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार का बोर्ड मंदिर प्रशासन ने लगाया है वह संविधान प्रदत्त अधिकारों का हनन है। जब संविधान ने हमें यह आजादी दी है कि हम अपने मन मुताबिक कपड़े पहन सकते हैं तो फिर शिर्डी संस्थान इस तरह के नोटिस बोर्ड क्यों लगा रहा है।
फिर होगा विरोध प्रदर्शन
तृप्ति देसाई ने कहा कि हमने मंदिर प्रशासन से कई बार अनुरोध किया था कि वे इस बोर्ड को हटाएं। लेकिन उन्होंने इसे हटाने की बजाय और ऊपर कर दिया। जिसके बाद हमारे कार्यकर्ताओं ने वहां पहुंचकर नोटिस पर कालिख पोती। मंदिर प्रशासन को हम एक बार फिर से चेतावनी देना चाहते हैं कि वह इस नोटिस बोर्ड को हटा दें। वरना और भी बड़ा आंदोलन मंदिर पर किया जाएगा। साईं संस्थान के पूर्व ट्रस्टी एकनाथ गोपकर ने बताया कि इस मामले में पुलिस कार्रवाई कर रही है। नोटिस बोर्ड को नहीं हटाया जाएगा।
आरती के नाम पर वसूली
आपको बता दें कि शिर्डी साईं संस्थान पर कुछ महिला भक्तों ने पिछले महीने यह आरोप लगाया था कि मंदिर में आरती करने के लिए उनसे 25 हज़ार रुपये की मांग की गयी थी। तृप्ति देसाई ने कहा कि शिरडी संस्थान ड्रेस कोड के जरिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की कोशिश में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा कि कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जो ड्रेस कोड बनाकर आसपास में दुकानें खुलवाते हैं और फिर वहां से लोग मजबूरी में उन्हीं कपड़ों को खरीदते हैं। जिन्हें मंदिर प्रशासन कहता है। इस प्रकार एक नए तरह का भ्रष्टाचार शुरू होता है।