नामीबिया के चुनाव में एडोल्फ हिटलर को मिली जीत, बोले- दुनिया जीतना मेरा मकसद नहीं

विंडहॉक
अफ्रीकी देश के चुनाव में की जीत हुई है। चौंकिए नहीं, यह जर्मनी वाला तानाशाह नहीं बल्कि नामीबिया के एक राजनेता है। इनका पूरा नाम है। बड़ी बात यह है कि जिस इलाके के एडोल्फ हिटलर को जीत मिली है वह पहले जर्मन कॉलोनी थी। यहां की कई सड़कों, स्थानों और लोगों के नाम पर आज भी जर्मनी का प्रभाव दिखता है। नामीबिया 1884 से लेकर प्रथम विश्वयुद्ध तक जर्मनी का उपनिवेश रहा है।

85 फीसदी वोटों से हिटलर को मिली जीत
एडोल्फ हिटलर उनोना ने नामीबिया के चुनाव में 85 फीसदी से ज्यादा मतों से जीत हासिल की है। जीत के बाद उन्होंने मजाक करते हुए कहा कि मेरा विश्व विजय का कोई इरादा नहीं है। एडोल्फ को नामीबिया की सत्तारूढ़ SWAPO पार्टी के टिकट पर जीत मिली है। 1990 में दक्षिण अफ्रीकी रंगभेद से स्वतंत्र होने के बाद से इसी पार्टी ने नामीबिया की सत्ता संभाली है।

हिटलर की पार्टी को फिर मिला बहुमत
एडोल्फ हिटलर यूनोना को क्षेत्रीय परिषद की चुनाव में 1,196 वोट मिले। जबकि, उनके प्रतिद्वंदी को केवल 213 वोटों से संतोष करना पड़ा। उनकी SWAPO पार्टी ने देश भर में 57 फीसदी वोट हासिल किए हैं। हालांकि, इस बार के चुनाव में उनकी पार्टी का वोट प्रतिशत पिछले चुनाव से काफी कम हुआ है।

नाजी विचारधारा से मेरा संबंध नहीं
मीडिया से बात करते हुए एडोल्फ हिटलर ने कहा कि मेरा जर्मनी की नाजी विचारधारा से कुछ भी लेना-देना नहीं है। मेरे पिता ने जर्मन तानाशाह के नाम पर मेरा नाम रखा। उन्होंने शायद यह नहीं समझा कि एडोल्फ हिटलर किसके लिए खड़ा था। उन्होंने आगे कहा कि बचपन में मैंने अपने नाम को एक सामान्य रूप में ही देखा था। लेकिन, जब मैं बड़ा हुआ तो मुझे समझ में आया कि यह आदमी पूरी दुनिया को जीतना चाहता था।

नहीं देख रहा दुनिया जीतने का सपना
उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी मुझे बस एडोल्फ या एडोल्फ यूनोना कहकर ही बुलाती है। अब मैं अपने नाम को नहीं बदल सकता, क्योंकि इसके लिए आधिकारित तौर पर बहुत देर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मेरा यह नाम होने का यह मतलब नहीं है कि मैं पूरी दुनिया जीतना चाहता हूं।

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