कोरोना के खात्मे के लिए वैक्सीन का इंतजार बेसब्री से किया जा रहा है, लेकिन इसको लेकर लोगों के मन में डर और दहशत भी है। कोरोना के वैक्सीनेशन की तैयारियों को लेकर एमपी के जबलपुर में किए गए ड्राय रन के दौरान अजीबोगरीब मामला सामने आया जिसने प्रशासनिक खामियों को भी उजागर करके रख दिया। दरअसल, वैक्सीनेशन के लिए चुने गए लोगों की सूची में ऐसे कर्मचारियों के भी नाम शामिल कर दिए गए जिनकी ड्राय रन में ड्यूटी लगी थी। ऐसी ही एक महिला कर्मचारी ड्यूटी के लिए आई तो उसे वैक्सीन लगवाने को कहा गया और उसने हंगामा खड़ा कर दिया।
मोबाइल पर संदेश मिलते ही जबलपुर की एक नर्स अपनी ड्यूटी करने के लिए वैक्सीनेशन सेंटर पर पहुंची तो वहां मौजूद स्टाफ ने उसको मरीज समझ कर टीका लगाने की मॉक ड्रिल शुरू कर दी। स्वास्थ्य कर्मी महिला को मामला कुछ अटपटा लगा तो उसने इस पर एतराज जताया और हंगामा करते हुए टीका लगवाने से इनकार कर दिया।
नर्स के रूप में काम करने वाली महिला को वैक्सीन पर भरोसा नहीं है। डरी हुई महिला ने वैक्सीनेशन सेंटर से ही अपने पति को फोन किया और अफसरों को दो टूक कह दिया कि वह ड्यूटी करने आई थी ना कि मरीज के रूप में कोरोना टीका लगवाने। हालात की गंभीरता को भांपते हुए चिकित्सकों ने महिला को समझाइश दी, लेकिन इसका कोई असर उस पर नहीं हुआ।
डॉक्टरों का कहना है कि शासन द्वारा निर्धारित एप के जरिए संबंधित लोगों को संदेश भेजे गए थे। डॉक्टरों ने साफ किया कि ड्राय रन के दौरान किसी को भी कोरोना की वैक्सीन नहीं दी जा रही है बल्कि तैयारियों को परखने के लिए ही स्वास्थ्यकर्मियों और चयनित मरीजों को वैक्सीनेशन सेंटर में बुलाया गया है।