नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 44 दिन से जारी है। किसानों के आंदोलन को कई बाहरी लोगों का समर्थन मिल रहा है। भारत सरकार पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि यह देश का आंतरिक मामला है, लेकिन फिर भी कनाडा के कुछ नेता किसान आंदोलन को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार किसान आंदोलन में कनाडा के कंजर्वेटिव पार्टी के नेता रमनदीप बरार के शामिल होने की खबर है।
विदेश मंत्रालय कर रहा जांच
इसी बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि, ‘हमें कुछ रिपोर्ट्स मिली है कि किसानों के प्रदर्शन में कनाडा के सांसद रमनदीप बरार मौजूद है। फिलहाल इस बारे में जांच चल रही है।’ बीजेपी के राजेश सिन्हा ने भी कहा था कि कनाडाई नेता का ये काम अंतरराष्ट्रीय मर्यादाओं के खिलाफ है। कनाडा को अपनी सीमा में रहना चाहिए और किसी दूसरे देश के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। कुछ दिन पहले रमनदीप बरार ने ही प्रदर्शन में शामिल होने की कुछ तस्वीरें अपने ट्विटर हैंडल से शेयर की थी।
भारत पहले ही जता चुका है कड़ा ऐतराज
इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी नए कृषि कानूनों को लेकर जारी प्रदर्शन को लेकर टिप्पणी की थी। इस पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि कनाडा, भारत के आंतरिक मामलों से दूर रहे। कनाडा के पीएम के बयान को विदेश मंत्रालय ने गैर-जरूरी बताया था। भारत ने कहा था कि किसी भी देश को सियासी फायदे के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
‘कानूनों को निरस्त करने का सवाल ही नहीं’
शुक्रवार को सरकार और किसान संगठनों के बाच आठवें दौर की बैठक हुई, जिसमें कोई ठोस बात निकल कर सामने नहीं आई, वहीं अब 15 जनवरी को अगले दौर की वार्ता होगी। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि किसान संगठनों के नेता अगले दौर की वार्ता में चर्चा के लिए विकल्पों के साथ आएंगे, कानूनों को निरस्त करने का सवाल ही नहीं उठता।