'मसूद अजहर को 18 जनवरी तक करो गिरफ्तार', पाक कोर्ट के आदेश पर क्या करेंगे इमरान खान?

लाहौर
पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी को 18 जनवरी तक हर हाल में गिरफ्तार करने का हुक्म दिया है। का सरगना मसूद अजहर टेरर फाइनेंसिंग के मामले में वांछित है। अजहर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) गुजरांवाला ने जारी किया है।

की चिंता बढ़ी
पाकिस्तान शुरू से ही मसूद अजहर को लापता बताता रहा है। जबकि वह अपने पैतृक शहर बहावलपुर में कहीं सुरक्षित स्थान पर छिपा हुआ है। कहा तो यह भी जा रहा है कि मसूज अजहर को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अपने सुरक्षित ठिकाने पर पनाह दिए हुए है। कोर्ट के इस आदेश के बाद से इमरान खान सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। अगर आईएसआई के पनाहगाह से उसे बाहर लाया जाता है तो भारत समेत दुनियाभर के कई देश उसे कई आतंकी वारदातों के मामले में सजा दिए जाने की मांग करेंगे।

18 जनवरी तक गिरफ्तार करने का आदेश
शनिवार को हुई सुनवाई के दौरान एंटी टेररिस्ट कोर्ट (एटीसी) गुजरांवाला न्यायाधीश नताशा नसीम सुप्रा ने शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सीटीडी को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को 18 जनवरी तक गिरफ्तार करने और अदालत में पेश करने का निर्देश दिया। अजहर आतंकी वित्तपोषण और आतंकी सामग्री के प्रचार-प्रसार के आरोपों का सामना कर रहा है।

जैश के खिलाफ कार्रवाई का ढोंग कर रहा पाकिस्तान
पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी मसूद अजहर के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली थी। जिसके बाद बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना के बेटे और भाई सहित आतंकी संगठन के 100 से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया था। सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद, मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के जमात उद दावा तथा फलाहाई इंसानियत फाउंडेशन की संपत्तियों, मदरसों और मस्जिदों का नियंत्रण भी अपने हाथ में ले लिया था।

पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड है मसूद अजहर
भारत में फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने टेटर फाइनेंसिंग के खिलाफ अभियान शुरू किया था और इस मामले में गुजरांवाला में जेईएम के छह कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। इन आतंकियों के पास से भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई थी। गुजरांवाला, लाहौर से करीब 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।

2019 में घोषित हुआ था वैश्विक आतंकी
संयुक्त राष्ट्र ने मई 2019 में भारत के प्रयासों के बाद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया था। चीन को इस आतंकी को काली सूची में डाले जाने से बचाने संबंधी अपना प्रयास अंतत: रोकना पड़ा था। अजहर को भारत ने 1999 में आतंकवादियों द्वारा अपहृत किए गए इंडियन एअरलाइंस के विमान आईसी-814 के यात्रियों को मुक्त कराने के बदले रिहा किया था। अपनी रिहाई के बाद उसने जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकवादी संगठन बनाया और भारत में कई आतंकी हमले कराए।

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