इमरान खान की धमकियों से डरे पाकिस्तान के शिया हजारा, प्रदर्शन बंद कर मृतकों को दफनाया

इस्लामाबाद
पाकिस्तान में पिछले 6 दिनों से इंसाफ की मांग कर रहे अल्पसंख्यक शिया ने प्रधानमंत्री इमरान की धमकियों के बाद अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया है। उन्होंने न केवल इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के हमले में मारे गये 11 कोयला खनिकों के शवों को दफना दिया। बल्कि, क्वेटा के वेस्टर्न बाइपास इलाके को भी खाली कर दिया है। बता दें कि बलूचिस्तान प्रांत के माच इलाके में पिछले शनिवार को शिया हाजरा समुदाय के खनिकों को अगवा करने के बाद हत्या कर दी गई थी।

6 दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे मृतकों के परिवारीजन
अपने परिजनों की हत्या से बौखलाए समुदाय के हजारों लोग क्वेटा के वेस्टर्न बाइपास इलाके में भयंकर ठंड में शवों के ताबूत के साथ धरने पर बैठ गए थे। इनकी मांग थी कि जबतक प्रधानमंत्री रक्षा का आश्वासन देने के लिए व्यक्तिगत रूप से उनके पास नहीं आते तबतक वे शवों को नहीं दफनायेंगे।

इमरान ने प्रदर्शनकारियों को बताया था ब्लैकमेलर्स
अपने ही अवाम के लोगों की मांग को अनसुना करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रदर्शनकारियों को ब्लैकमेलर्स तक करार दे दिया था। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि मैंने अपना संदेश प्रदर्शनकारियों तक पहुंचा दिया है कि उनकी सभी मांगे मानी जा रही हैं। इसके बाद मेरे आने तक मृतकों को दफनाने की जिद क्यों की जा रही है। किसी भी मुल्क के प्रधानमंत्री को इस तरह से ब्लैकमेल नहीं किया जा सकता है। ऐसे तो हर कोई ब्लैकमेल करना शुरू कर देगा। जिसके बाद से इमरान खान के इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया था।

इमरान के बयान पर पाकिस्तान में बवाल
इमरान खान के बयान पर न केवल विपक्ष बल्कि आम लोगों और मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया देखी गईं। इन परिवारों को अंतिम संस्कार के लिए मनाने एवं विवाद पर पूर्ण विराम के लिए पाकिस्तान की सरकार ने भी एड़ी-चोटी के जोर लगा दिए। पाकिस्तानी अधिकारियों ने दावा किया कि जब बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री जाम कमाल खान दूसरी बार प्रदर्शनकारियों से मिलने गये और उन्होंने उनकी मांग मान ली एवं और उनसे कहा कि प्रधानमंत्री ने शीघ्र ही उनसे मिलने की योजना बनायी है तब गतिरोध समाप्त हुआ।

मुआवजा और नौकरी देगी पाकिस्तान सरकार
शुहादा एक्शन कमिटी और मजलिस वाहदात-ए-मुस्लिमीन ने धरना खत्म करने की घोषणा की। समझौते के अनुसार सरकार माच घटना में लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कार्रवाई करेगी। बलूचिस्तान सरकार मारे गये व्यक्ति के परिवारों को 15-15 लाख रूपये का मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगी।

आज बलूचिस्तान दौरे पर पाक सेना प्रमुख जनरल बाजवा
सूत्रों के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने इसलिए धरना खत्म कर लिया क्योंकि उन्हें बताया गया कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के शनिवार को क्वेटा पहुंच रहे हैं। बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना को आए दिन हमलों का सामना करना पड़ता है। जिस कारण चीन के सहयोग से बनने वाली सीपीईसी परियोजना के पूरा होने पर भी संदेह के बादल मंडरा रहे हैं।

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