2 दिनों से लापता रिटायर्ड फौजी का बेटा, पिता बोले- 'संजीत हत्याकांड जैसी लापरवाही ना बरते कानपुर पुलिस'

कानपुर
कानपुर के लैब टेक्निशियन संजीत यादव और प्रॉपर्टी डीलर सुनील यादव हत्याकांड को लोग अबतक भूल नहीं पाए है। संजीत यादव और सुनील यादव की तरह एक रिटायर्ड फौजी का बेटा भी दो दिनों से रहस्‍यमयी तरीके से लापता है। परिवार वाले बेटे की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं, लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चला है। पिता का कहना है कि थानें में बेटे के लापता होने की गुमशुदगी दर्ज करा दी गई है। मेरा पुलिस से यही कहना है कि संजीत अपहरण व हत्‍याकांड की तरह पुलिस लापरवाही ना बरते। पुलिस सक्रियता दिखाए और मेरे इकलौते बेटे को सही सलामत घर ले आए।

क्षेत्र स्थित बर्रा आठ में रहने वाले अनूप चतुर्वेदी चार साल पहले सेना से रिटायर हुए हैं। परिवार में पत्नी पूनम चतुर्वेदी, बेटा रजत चुतुर्वेदी (27) और बहु शिवानी हैं। रजत श्रीराम फाइनेंस इंश्योंरेंस, सिविल लाइन में जॉब करता था। उसकी शादी एक साल पहले हुई थी। रजत बीते 3 दिसंबर की सुबह ऑफिस जाने की बात कह कर निकला था। गुरुवार देर रात तक रजत घर वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने उसके फोन पर कॉल किया पर फोन स्विच ऑफ जा रहा था। परिवार वाले पूरी रात उसकी तलाश करते रहे, रिश्तेदारों और दोस्तों के यहां भी पता किया, लेकिन रजत का कहीं कोई सुराग नहीं लग पाया।

संजीत हत्याकांड देखने के बाद में बैठा ‘डर’
रजत के पिता अनूप चतुर्वेदी का कहना है कि रजत दो दिनों से लापता है, काफी खोजबीन के बाद भी उसका कहीं कुछ पता नहीं चला है। जब से और सुनील यादव हत्याकांड हुए है, मन में डर बैठ गया है। पुलिस से मेरी यही गुजारिश है कि वो संजीत और सुनील हत्याकांड की तरह लापरवाही ना दिखाए। वहीं, गुजैनी चौकी इंचार्ज दिवाकर पांडेय के मुताबिक रजत चतुर्वेदी नाम का युवक लापता है। परिवार ने गुमशुदगी दर्ज कराई है, मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया गया है। पुलिस उसकी तलाश के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

ये था संजीत हत्याकांड
बर्रा थाना क्षेत्र के बर्रा पांच में रहने वाले लैब टेक्निशियन सजीत यादव का किडनैप उसके ही दोस्तों ने बीते 22 जून को किया था। किडनैपरों ने चार दिनों तक बंधक बनाए रखने के बाद संजीत की हत्या कर दी थी। 26 जून को देर रात शव को बोरे में भर पांडू नदी में फेंक दिया था। किडनैपरों ने 29 जून को संजीत के परिजनों से 30 लाख रुपये फिरौती की मांग की थी। पुलिस ने 24 जुलाई को एक महिला समेत पांच किडनैपरों को गिरफ्तार किया था। किडनैपरों ने पुलिस को बताया था कि संजीत की हत्या अपहरण के बाद चौथे ही दिन कर दी थी और शव को पांडू नदी में फेंक दिया था। पुलिस संजीत का शव अभी तक बरामद नहीं कर पाई है।

क्या था सुनील यादव हत्याकांड
बर्रा थाना क्षेत्र स्थिति बर्रा 7 में रहने वाले सुनील प्रॉपर्टी डीलिंग और ठेकेदारी का काम करते थे। परिवार में पत्नी उर्मिला और बेटी अदिति के साथ रहते थे। सुनील यादव ने अपना एक मकान मोहल्ले के रहने वाले सोनू विश्वकर्मा को किराये पर दी थी। सोनू विश्वकर्मा फेब्रिकेटिंग का काम करता है और वो उस मकान में व्यापार का सामान रखता था। सुनील मकान खाली करने के लिए सोनू विश्वकर्मा पर दबाव बना रहे थे और सोनू मकान खाली को तैयार नहीं था। सोनू विश्वकर्मा ने बीते 4 सितंबर की दोपहर 12 बजे सुनील को फोन करके कहा था कि कॉलोनी खाली कर रहा हूं, घर आकर चाभी ले जाओ। सुनील चाभी लेने के लिए घर से निकले थे, इसके बाद सुनील दोबारा नहीं लौटे। सोनू विश्वकर्मा ने अपने भाई के साथ मिलकर सुनील की हत्या कर पानी से भरे गड्डे में फेंक दिया था।

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