बदल रही है दंतेवाड़ा की हवा, 20 महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर, हर महीने कमा रही हैं 4,000 हजार रुपये

दंतेवाड़ा
नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले की हवाएं अब बदल रही हैं। नक्सलियों के गढ़ में महिलाएं अब आत्मनिर्भर बन रही हैं। जिले के अलग-अलग गांवों में महिलाएं अब विभिन्न कामों को कर आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं। उन्हीं में से एक गांव झोड़ियाबाड़म है। महिलाएं सरकार की योजना महिला आजीविका परिसर से जुड़ कर हर महीने 4 हजार रुपये तक की कमाई कर रही हैं।

इस गांव में महिला आजीविका परिसर करीब 2 एकड़ में फैला हुआ है। इस परिसर में कुल 10 तरह के काम होते हैं, जिसमें चारा उत्पादन, कड़कनाथ मुर्गे का पालन और दोना पत्तल का निर्माण शामिल हैं। 20 महिलाएं इस परिसर में अलग-अलग काम कर रही हैं। गांव की महिलाओं के लिए यह परिसर रोजगार हब है।

इस परिसर में महिलाओं की संख्या अभी कम है। ऐसे में दंतेवाड़ा जिला प्रशासन की कोशिश है कि महिला आजीविका परिसर से और महिलाओं को जोड़ा जाए। ताकि महिलाओं को और आत्मनिर्भर बनाया जाए। जिले के अधिकारियों ने बताया कि यह दंतेवाड़ा का पहला महिला रोजगार हब है।

हर महीने 4 हजार की कमाई
महिला आजीविका परिसर से जुड़ी महिलाओं ने कहा कि यहां हम हर काम करते हैं। जैसे सब्जी उत्पादन, धान की कुटाई और वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन करते हैं। इसके जरिए हम सभी करीब 4 हजार रुपये तक की कमाई कर लेते हैं। वहीं, प्रशासन की कोशिश है कि इस परिसर का विस्तार कर और महिलाओं को इससे जोड़े।

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