बिहार चुनाव (Bihar Elections) में जेडीयू के प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी में लगातार मंथन का दौर जारी है, साथ ही जरूरी बदलाव भी किया जा रहा है। पहले जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी आरसीपी सिंह (RCP Singh) को सौंपी गई। अब जेडीयू प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक () में पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है। जेडीयू आलाकमान ने उमेश कुशवाहा () को ये जिम्मेदारी सौंपी है।
वशिष्ठ नारायण सिंह () के अस्वस्थ होने की वजह से लगातार ये चर्चा थी कि पार्टी ये जिम्मेदारी किसी और को सौंप सकती है। हालांकि, उमेश कुशवाहा के नाम की चर्चा इस पद को लेकर अभी तक नहीं थी। फिर पार्टी ने उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी क्यों दी? आखिर कौन हैं उमेश कुशवाहा बताते हैं आगे…
नीतीश ने उमेश कुशवाहा पर क्यों लगाया दांव सातवीं बार मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने वाले नीतीश कुमार अब पुराने रंग में दिखने लगे हैं। 2020 विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली कम सीटों के बाद उन्होंने पार्टी को मजबूत करने की दिशा में कई कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। दरअसल नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू लव-कुश यानी कुर्मी-कोइरी-कुशवाहा की पार्टी मानी जाती है। माना जाता है कि यह जातियां जनता दल यूनाइटेड के ‘कोर वोटर’ हैं। बिहार चुनाव 2020 में आशा के विपरीत 43 सीटें जीतने वाली जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर से लव-कुश समीकरण को मजबूत करना शुरू कर दिया है।
लव-कुश समीकरण पर है जेडीयू नेतृत्व का पूरा फोकसइसी समीकरण के तहत नीतीश कुमार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से इस्तीफा देकर समीकरण के लव यानी कुर्मी समाज से आने वाले, रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद जेडीयू के राज्य कार्यकारिणी और राज्य परिषद की बैठक में जिस प्रकार से उन्होंने पार्टी की हार को लेकर अपना दर्द बयां किया, उससे यह कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश कुमार पार्टी में बड़े फेरबदल करने जा रहे हैं। रविवार को जेडीयू के राज्य कार्यकारिणी की बैठक में महनार के उमेश सिंह कुशवाहा को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया।
नीतीश कुमार ने फिर चौंकाया अपने फैसले से
जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा अपने फैसले से बिहार की जनता के साथ-साथ राजनीतिक दलों को चौंकाते रहे हैं। फिर चाहे वह नीतीश कुमार का स्पष्ट बयान हो या फिर खुद इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी का मुख्यमंत्री बनाना या फिर आरसीपी सिंह को जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष बनाना हो। अब जेडीयू के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने एक बार फिर राजनीतिक दलों के साथ-साथ पार्टी कार्यकर्ताओं को भी चौंका दिया। दरअसल जेडीयू में कई वरिष्ठ नेताओं की फेहरिस्त है। लेकिन सब को दरकिनार करते हुए नीतीश कुमार ने महनार से हारे हुए अपने उम्मीदवार उमेश सिंह कुशवाहा को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सभी को चौंका दिया।
जानिए कौन हैं उमेश कुशवाहाउमेश कुशवाहा को जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दिए जाने के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं। सबसे अहम वजह है कि अभी वो युवा हैं। पार्टी को एक युवा नेतृत्व की जरूरत है। उमेश कुशवाहा बिहार के महनार विधानसभा सीट से जेडीयू के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। 2020 के चुनाव में उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा। उनका जन्म 3 जनवरी 1973 में हुआ। उन्होंने 1990 में राजनीति में प्रवेश किया। उनके परिवार में उनकी पत्नी रेणुका कुमारी और तीन बच्चे हैं।
2020 विधानसभा चुनाव में उमेश कुशवाहा को मिली शिकस्त2010 में भारतीय जनता पार्टी के डॉ. अच्युतानंद ने महनार सीट से चुनाव लड़ा और जीत गए। लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव में उमेश कुशवाहा ने उन्हें करीब 27,000 वोटों के बड़े अंतर से शिकस्त दी थी। हालांकि, 2020 के विधानसभा चुनाव में उनको इसी सीट पर आरजेडी उम्मीदवार से शिकस्त का सामना करना पड़ा। इस बार के बिहार चुनाव में जेडीयू कैंडिडेट उमेश सिंह कुशवाहा का सीधा मुकाबला आरजेडी की उम्मीदवार बीना सिंह से था। लेकिन एलजेपी रविंद्र सिंह के चुनाव मैदान में आने से लड़ाई त्रिकोणीय हो गई।
उमेश कुशवाहा को हार के बावजूद मिली बड़ी जिम्मेदारी
मतगणना में उमेश कुशवाहा को 53774, आरजेडी की बीना सिंह को 61721 और एलजेपी के रविंद्र कुमार सिंह को 31315 वोट मिले। इस तरह से कड़े मुकाबले में उमेश कुशवाहा को शिकस्त का सामना करना पड़ा। उनकी हार का एक कारण एलजेपी उम्मीदवार रविंद्र कुमार सिंह को भी माना जा रहा। ऐसा माना जा रहा कि उनके आने से एनडीए के वोट बैंक में सेंध लगी। इस बीच उमेश कुशवाहा को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दिए जाने का फैसला अचानक लिया गया।