विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज, पश्चिम बंगाल समेत चुनावी राज्यों को EC का यह निर्देश

नई दिल्ली
आने वाले महीनों में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उन राज्यों से इलेक्शन कमिशन ने कहा है कि पूर्व में जिन अधिकारियों पर किसी चुनाव में लापरवाही का आरोप लगा हो उन्हें चुनाव से जुड़ा कोई दायित्व नहीं सौंपा जाए। असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के मुख्य सचिवों को भेजे परामर्श में ने यह भी कहा कि पूर्व में जिन अधिकारियों के खिलाफ उसने अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी और जिसमें कार्रवाई अब तक लंबित है या फिर दंडित किए गए अधिकारियों को चुनाव से जुड़ी किसी भी ड्यूटी के लिए तैनात नहीं किया जाना चाहिए।

पिछले महीने भेजे गए परामर्श में कहा गया है कि अगले 6 महीने में सेवानिवृत्त होने वाले किसी भी अधिकारी को चुनाव से जुड़ा काम नहीं दिया जाना चाहिए। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी की विधानसभा का कार्यकाल इस साल मई और जून में अलग-अलग तारीखों पर पूरा हो रहा है। अप्रैल और मई के दौरान यहां विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है।

आयोग ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि चुनाव करवाने में सीधे तौर पर शामिल अधिकारियों की तैनाती उनके गृह जिलों में न हो और जो अधिकारी बीते चार सालों के दौरान तीन साल एक जिले में पूरे कर चुके हों। लोकसभा या विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव निगरानीकर्ता की तरफ से इस तरह के परामर्श जारी किया जाना सामान्य है, जिससे यह सुनिश्चित हो कि अधिकारी किसी भी रूप में चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप न करें और यह कवायद स्वतंत्र व निष्पक्ष रहे।

परामर्श में कहा गया है, ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करवाने के लिए आयोग एक सतत नीति अपनाता है कि जिन राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव होने वाले हैं, वहां चुनावी कार्य में सीधे तौर पर जुड़े अधिकारियों की तैनाती उनके गृह जनपदों या ऐसी जगह न हो, जहां वह लंबे समय से तैनात रहे हों।’

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