सोया खली का निर्यात दिसंबर में तीन गुना बढ़ा

इंदौर, 11 जनवरी (भाषा) अंतरराष्ट्रीय मांग में इजाफे के चलते गत दिसंबर के दौरान भारत का सोया खली निर्यात करीब तीन गुना बढ़कर 2.68 लाख टन पर पहुंच गया। दिसंबर 2019 में देश से 90,000 टन सोया खली का निर्यात गया था। प्रसंस्करणकर्ताओं के इंदौर स्थित संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के एक अधिकारी ने सोमवार को ये आंकड़े जारी किए। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2020 में फ्रांस (43,257 टन) और ईरान (41,500 टन) भारतीय सोया खली के सबसे बड़े आयातकों में शामिल रहे। अधिकारी ने बताया कि मौजूदा तेल विपणन वर्ष (अक्टूबर 2020-सितंबर 2021) की शुरूआती तिमाही में भारत का सोया खली निर्यात ढाई गुना बढ़कर 5.99 लाख टन रहा। पिछले तेल विपणन वर्ष में अक्टूबर से दिसंबर के बीच देश से 2.36 लाख टन सोया खली का निर्यात किया गया था। सोपा के चेयरमैन डेविश जैन ने “पीटीआई-भाषा” को बताया, “भारतीय सोया खली के भाव अमेरिका, ब्राजील और अर्जेन्टीना के इस उत्पाद के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बने हुए हैं। इससे भारत का सोयाखली निर्यात बढ़ रहा है और हम अपना खोया बाजार हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।” उन्होंने बताया, “दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में सूखे के प्रतिकूल मौसमी के चलते ब्राजील और अर्जेन्टीना में इस बार सोयाबीन का उत्पादन घटने का अनुमान है। इससे भारत के सोया खली निर्यातकों के सामने कारोबार बढ़ाने का बड़ा अवसर पैदा हो गया है।” प्रसंस्करण संयंत्रों में सोयाबीन का तेल निकाल लेने के बाद बचने वाले उत्पाद को सोया खली कहते हैं। यह उत्पाद प्रोटीन का बड़ा स्त्रोत है। इससे सोया आटा और सोया बड़ी जैसे खाद्य पदार्थों के साथ पशु आहार तथा मुर्गियों का दाना भी तैयार किया जाता है।

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