फ्रांस के राष्ट्रपति कोरोना काल में अपने शाही खर्चे को लेकर विरोधियों के निशाने पर हैं। उन्होंने फ्रांसीसी राष्ट्रपति भवन में साल 2020 में केवल फूलों के ऊपर 729,000 डॉलर (53627791 रुपये) खर्च किया है। फ्रांस में कोरोना से मची तबाही के बीच मैक्रों के इस खर्च को लेकर बवाल मचा हुआ है। विपक्षी पार्टियों सहित आम लोग भी सोशल मीडिया पर मैक्रों के कथित फिजूलखर्ची की निंदा कर रहे हैं।
पिछले दो राष्ट्रपतियों से ज्यादा मैक्रों ने किया खर्च
इस खबर को ब्रेक करने वाली फ्रांसीसी मीडिया पोलिटिस (Politis) के अनुसार, मैक्रों ने खर्च के मामले में अपने सभी पूर्ववर्ती राष्ट्रपतियों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। उनसे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति रहे ने 2015 में 162,000 डॉलर (11917287 रुपये) और ने 2011 में 174,000 डॉलर (12800049 रुपये) खर्च किए थे।
मंदी के बावजूद इतना खर्च करने के लिए मैक्रों की हो रही आलोचना
इस खबर के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की आलोचना की जा रही है। लोगों का कहना है कि जब देश कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित है और देश में भयंकर आर्थिक मंदी छाई हुई है। उस दौर में राष्ट्रपति का इतना पैसा खर्च करना उचित नहीं है। फ्रांस की सरकार ने हाल में ही कोरोना से प्रभावित अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए 121 बिलियन डॉलर का पैकेज जारी किया है।
कोरोना के कारण आम लोगों के लिए बंद है एलिसी पैलेस
लोग इसलिए भी नाराज हैं क्योंकि पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के कारण एलिसी पैलेस को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था। यहां से सभी मीटिंग्स केवल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही होती थीं। ऐसे में इतनी बड़ी धनराशि से महज कुछ लोगों के लिए पैलेस की सजावट करना लोगों को नागवार गुजर रही है।
पहले भी लग चुके हैं फिजूलखर्ची के आरोप
यह पहली बार नहीं है जब मैंक्रों सरकार से ऊपर फिजूलखर्ची का आरोप लगा है। इससे पहले भी 2018 में व्यंग्यपूर्ण साप्ताहिक समाचार पत्र ले कनार्ड एनचैने (Le Canard Enchaine) ने दावा किया था कि एलिसी पैलेस के क्रॉकरी पर 607,000 डॉलर (44653044 रुपये) खर्च किए थे। हालांकि, तब सरकार ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि उन क्रॉकरी की कीमत महज 60,000 डॉलर (4413810 रुपये) की थी।