इस बार साफ्ट कॉपी ही
वित्त मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस बार कोरोना की वजह से वित्त मंत्रालय का बजट प्रेस (Budget Press) बंद रहेगा। हर साल इसी प्रेस में बजट की छपाई होती थी। पहले जबकि कंप्यूटर और साफ्ट कॉपी का चलन नहीं हुआ था, तब बजट के दस्तावेज की बड़ी पूछ थी। उस समय कारपोरेट कंपनी ही नहीं, नामचीन सीए (CA) भी इसे खरीद कर लाते थे। अब जबसे वेबसाइट पर इसकी सॉफ्ट कॉपी अपलोड होने लगी है, तबसे आसानी हो गई है। हालांकि माननीयों के लिए पिछले साल तक बजट की कॉपी छापी गई थी।
नहीं बनेगा
बजट की छपाई की औपचारिक शुरूआत होने के अवसर पर बजट प्रेस में हलवा (Budget Halwa) बनाने की परंपरा रही है। इसे समारोह पूर्वक मनाया जाता रहा है। इसका कितना महत्व है, इसका अंदाजा इसी बात से मिलता है कि इस अवसर पर खुद वित्त मंत्री (Finance Minister) अपने कनिष्ठ मंत्रियों और वित्त मंत्रालय के सचिवों के साथ शामिल होते रहे हैं। इस बार यह कार्यक्रम भी स्थगित रहेगा।
इकोनोमिक सर्वे की भी छपाई नहीं
वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक इस वर्ष इकोनोमिक सर्वे की भी छपाई नहीं हो रही है। इन परंपराओं को इसलिए तोड़ना पड़ रहा है क्योंकि बजट की छपाई अति गोपनीय तरीके से होती है। छपाई के दौरान एक साथ 50 से अधिक कर्मचारी वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक में लगभग 15 दिनों तक अपने घर-परिवार से पूरी तरह दूर एक साथ रहते हैं, जो कोरोना के इस दौर में संभव नहीं है। इकोनोमिक सर्वे और बजट की छपाई में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को प्रेस से बाहर निकलने की इजाजत देने का मतलब है बजट के लीक होने की आशंका। सूत्रों के मुताबिक इन तमाम पहलुओं को देखते हुए इस बार इकोनोमिक सर्वे और बजट को सॉफ्ट कॉपी में ही संसद में पेश किया जाएगा।