अमित शाह से मीटिंग, दुष्यंत के बदलते तेवर…हरियाणा CM की क्यों उड़ी नींद?

चंडीगढ़
कृषि कानून के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर पिछले डेढ़ महीने से बैठे किसानों ने हरियाणा सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। विपक्षी दल कांग्रेस भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में अड़ी हुई है। करनाल में सीएम मनोहर लाल खट्टर किसानों की नाराजगी झेल चुके हैं। ऐसे में अब अपनी सरकार बचाने के लिए बीजेपी और उसकी सहयोगी जेजेपी के बीच मंथन का दौर शुरू हो गया है। खट्टर और डेप्युटी सीएम दुष्यंत चौटाला आज दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं।

जेजेपी ने अपने विधायकों को भी दिल्ली बुलाया है। माना जा रहा है कि जेजेपी के कुछ विधायक सरकार के किसानों के प्रति रवैये से नाराज हैं और वे आंदोलन के समर्थन में हैं। यही नहीं वे अपने नेता दुष्यंत चौटाला के रुख से भी नाराज हैं। ऐसे में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अमित शाह से मिलने से पहले दिल्ली में अपने फार्म हाउस में जेजेपी के विधायकों से मुलाकात करेंगे। दुष्यंत की कोशिश विधायकों को अपने विश्वास में रखने की होगी।

कांग्रेस लाएगी अविश्वास प्रस्ताव
इससे पहले हरियाणा में विपक्षी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा में खट्टर सरकार जानबूझकर किसानों के साथ टकराव के हालात पैदा कर रही है। हुड्डा ने सीएम खट्टर से कहा कि करनाल जैसे कार्यक्रम के बजाय वह केंद्र से कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए कहे। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हु़ड्डा ने कहा कि कांग्रेस हरियाणा सरकार के खिलाफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।

अभय चौटाला ने दी इस्तीफे की धमकी
किसानों की नाराजगी के चलते हरियाणा सरकार पर लगातार संकट मंडरा रहा है। सोमवार को आईएनएलडी प्रमुख अभय चौटाला ने एक चिट्ठी लिखकर खट्टर का विरोध किया है और कहा है कि अगर 26 जनवरी तक किसानों की बात नहीं मानी जाती है तो उनकी चिट्ठी को इस्तीफा माना जाए। कांग्रेस ने भी अभय चौटाला का समर्थन किया।

करनाल में दिखा था किसानों का गुस्सा
बता दें कि हरियाणा सरकार में बीजेपी के पास 40 सीटें, जेजेपी के पास 10 और पांच स्वतंत्र विधायक हैं। रविवार को करनाल जिले के कैमला गांव में बीजेपी की तरफ से बुलाई गई किसान महापंचायत रैली में किसानों और पुलिस के बीच झड़प के बाद खट्टर को दौरा रद्द करना पड़ा। खट्टर को इस कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करना था।

खट्टर को रद्द करना पड़ा कार्यक्रम
खट्टर का विरोध करने के लिए कार्यक्रम स्थल में हजारों किसान इकट्ठा हो गए थे। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन किसान नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने किसानों पर ठंडे पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले दागे।

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