रूस की AK-47 बनाने वाली कंपनी कलाशनिकोव कंसर्न ने इससे भी ज्यादा घातक AK-521 को विकसित किया है। इस रायफल में 7,62х39 और 5,56х45 की राउंड्स का इस्तेमाल होगा। एके-521 अपनी सीरीज के पहले की रायफलों की तुलना में अधिक घातक होगी। इस रायफल का मेंटिनेंस भी बेहद कम होगा जिससे दुर्गम इलाकों में भी सैनिक इनका आसानी से इस्तेमाल कर पाएंगे। माना जा रहा है कि कि यह रूसी कंपनी इस रायफल का भी एक्सपोर्ट वर्जन जल्द ही तैयार करेगी, जिसे विदेशी मित्र देशों के सामने पेश किया जाएगा।
रूस की AK-47 बनाने वाली कंपनी कलाशनिकोव कंसर्न ने इससे भी ज्यादा घातक AK-521 को विकसित किया है। इस रायफल में 7,62х39 और 5,56х45 की राउंड्स का इस्तेमाल होगा। एके-521 अपनी सीरीज के पहले की रायफलों की तुलना में अधिक घातक होगी। इस रायफल का मेंटिनेंस भी बेहद कम होगा।
रूस की AK-47 बनाने वाली कंपनी कलाशनिकोव कंसर्न ने इससे भी ज्यादा घातक AK-521 को विकसित किया है। इस रायफल में 7,62х39 और 5,56х45 की राउंड्स का इस्तेमाल होगा। एके-521 अपनी सीरीज के पहले की रायफलों की तुलना में अधिक घातक होगी। इस रायफल का मेंटिनेंस भी बेहद कम होगा जिससे दुर्गम इलाकों में भी सैनिक इनका आसानी से इस्तेमाल कर पाएंगे। माना जा रहा है कि कि यह रूसी कंपनी इस रायफल का भी एक्सपोर्ट वर्जन जल्द ही तैयार करेगी, जिसे विदेशी मित्र देशों के सामने पेश किया जाएगा।
ब्रस्ट फायरिंग से बैरल में नहीं आएगी दरार
रसियन बियॉन्ड में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, AK-521 में ऑप्टिक्स बाइंडिंग और बैरल के बीच में एक मजबूत धातु का इस्तेमाल किया गया है। जिससे ऑपरेशन या मेंटीनेंस के समय इसमें कभी भी दरार नहीं आएगी। अधिकतर रायफलों में यही शिकायत होती है कि ज्यादा इस्तेमाल के दौरान उनके ऑप्टिक्स बाइंडिंग और बैरल के बीच दरार आ जाती है।
पॉलिमर के इस्तेमाल से एके-521 का वजन भी है कम
500 सीरीज की सभी अन्य रायफलों की तरह इसमें भी अपर और लोवर रिसीवर लगा होगा। इस रायफल में अधिक भार सहन करने वाले सभी पार्ट्स को धातु का बनाया गया है, जबकि रायफल के हत्थे और मैगजीन के आगे होल्डिंग पॉइंट्स पर पॉलिमर का प्रयोग किया गया है। इससे न सिर्फ रायफल को अधिक मजबूती मिलेगी, बल्कि पॉलिमर के प्रयोग से इसे कम भार वाला भी बनाया गया है।
800 मीटर तक सटीक मार कर सकता है एके-521
एके-521 की बैरल पहले के रायफलों की तुलना में ज्यादा मजबूत है। इसकी रेंज 800 मीटर तक होने की उम्मीद है। हालांकि, कंपनी ने अभी तक आधिकारिक रूप से रायफल के रेंज को लेकर खुलासा नहीं किया है। विशेषज्ञों का दावा है कि वजन में अपेक्षाकृत हल्की होने के कारण यह रायफल आने वाले भविष्य में युद्धक्षेत्र में लड़ने वाले सैनिकों की पहली पसंद बन सकती है। दूसरा इसका मेंटीनेंस कम होने के कारण किसी भी मौसम में इसका प्रयोग किया जा सकता है।
एडजस्ट की जा सकती है फायरिंग मोड
अमेरिका की एम-4 और एचके 416 रायफलों की तरह इंजिनियरों ने एके-521 में कई फायरिंग मोड दिए हैं। जिससे इसे फायर करने वाला यूजर अपनी जरूरत के हिसाब से सेमी ऑटोमेटिक या ऑटोमेटिक रेंज को सलेक्ट कर फायरिंग कर सकता है। ऑटोमेटिक रेंज में ब्रस्ट फायरिंग भी की जा सकती है। जिसमें एक मिनट में कम से कम 1000 गोलियां दागी जा सकेंगी।
सेना ही नहीं आतंकवादियों की भी पहली पसंद है AK-47
कलाशनिकोव कंसर्न की सबसे प्रसिद्ध रायफल एके-47 को दुनियाभर के 30 से ज्यादा देश अपनी सेना में प्रयोग करते हैं। मुख्य रूप से 8 पार्ट्स से मिलकर बनी एके-47 रायफल की मेंटिनेंस बहुत ही कम होती है। इसलिए आतंकवादी भी इस रायफल का खूब प्रयोग करते हैं। कई आतंकवादी संगठन जैसे अल कायदा, अल शबाब, बोको हरम, आएसआईएस, तालिबान, लश्कर ए तैय्यबा और जैश ए मोहम्मद के आतंकी इस रायफल का प्रयोग करते हैं।