तब विराट ने दिलाई थी इज्जतखैर, यही वह स्टीव स्मिथ हैं, जिन्हें दुनिया धोखेबाज कह रही थी। वह जहां जाते थे लोग ‘चीटर-चीटर’ कहकर चिढ़ाना शुरू कर देते थे। साउथ अफ्रीका में हुए ‘सेंडपेपर कांड’ के बाद वर्ल्ड कप-2019 खेलने इंग्लैंड पहुंचे स्टीव स्मिथ की नाक में इंग्लिश दर्शकों ने दम कर रखा था। इंटरनैशनल खिलाड़ी भी बहुत खुलकर सपॉर्ट नहीं कर रहे थे। उस वक्त टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने मैच के दौरान न केवल स्मिथ का हौसला बढ़ाया, बल्कि दर्शकों से उन्हें इज्जत भी दिलाई। हालांकि, लगता है स्मिथ और उनकी टीम कोहली के उस दिल जीतने वाले व्यवहार को भूल चुके हैं।
व्यवहार और रणनीति कहीं से भी नहीं जेंटलमैन
मेलबर्न टेस्ट के बाद से लेकर सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर जो कुछ भी हुआ उसे देखकर लगता है कि न तो स्टीव स्मिथ बदले हैं और न तो ऑस्ट्रेलियाई टीम ने ‘सेंडपेपर कांड’ से कुछ सीख ली है। कंगारू खिलाड़ियों ने भारतीय टीम से न केवल गाली-गलौच की, बल्कि जानलेवा रणनीति के अनुसार तेज गेंदबाज जानबूझकर ‘बॉडी लाइन’ बोलिंग करते दिखे। रिजल्ट यह रहा कि मोहम्मद शमी, आर. अश्विन, रविंद्र जडेजा, , उमेश यादव, हनुमा विहारी समेत कई अहम भारतीय खिलाड़ी चोटिल हो गए हैं।
स्मिथ का व्यवहार गली बॉयज की तरहस्मिथ भले ही क्रिकेट रेकॉर्ड के तौर पर दिग्गजों की लिस्ट में शामिल हैं, लेकिन उनका और उनकी मौजूदगी में टीम का व्यवहार गली बॉयज की तरह ही नजर आता है। यही नहीं, भारत की हार पहले ही सुनिश्चित करने वाले शेन वॉर्न तक कॉमेंट्री के दौरान अपशब्दों का इस्तेमाल कर लेते हैं। सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़, सौरभ गांगुली, एमएस धोनी को तो छोड़िए आक्रामक छवि वाले विराट कोहली और रोहित शर्मा तक शायद ही ऐसा व्यवहार करें।
इसलिए विराट कहीं बेहतरशुरुआती करियर में बैड बॉय की छवि रखने वाले विराट कोहली को विपक्षी खिलाड़ी (स्टीव स्मिथ) को इज्जत दिलाने के लिए आईसीसी ‘स्पिरिट ऑफ क्रिकेट अवॉर्ड’ देती है तो स्मिथ जैसे क्रिकेटरों के व्यवहार से साबित होता है कि वे सिर्फ ‘जेंटलमैन क्रिकेट’ खेलने का ढोंग रचते आए हैं। खैर, अब जब माफी मांग ही ली है तो ब्रिस्बेन टेस्ट में कुछ बेहतर व्यवहार की उम्मीद की जा सकती है।