हाथी जैसी ताकत, बर्फ में तैयार होता फौलादी शरीर, म‍िल‍िए अफगानिस्तान के हल्‍क से

फिल्मी स्क्रीन पर किसी कलाकार को नामुमकिन से स्टंट करते देख ऐसा लगता है कि असल जिंदगी में ऐसा कहां मुमकिन है। हालांकि, अफगानिस्तान के राकिब फारूकी इस बात की जीती-जागती मिसाल हैं कि इंसान कुछ भी कर सकता है। जिस सर्दी में लोगों को घर से बाहर निकलने में डर लगे, उससे कहीं कम तापमान में फारूकी गजब की एक्सरसाइज करते हैं और वह इसके जरिए खेलों की मदद से शांति का संदेश देना चाहते हैं।

अफगानिस्तान के राकिब फारूकी ऐसी ट्रेनिंग करते हैं जो देख किसी के भी होश उड़ सकते हैं। बेहद ठंड में वह तैराकी से लेकर वेटलिफ्टिंग तक करते हैं।

हाथी जैसी ताकत, बर्फ में तैयार होता फौलादी शरीर, म‍िल‍िए अफगानिस्तान के हल्‍क से

फिल्मी स्क्रीन पर किसी कलाकार को नामुमकिन से स्टंट करते देख ऐसा लगता है कि असल जिंदगी में ऐसा कहां मुमकिन है। हालांकि, अफगानिस्तान के राकिब फारूकी इस बात की जीती-जागती मिसाल हैं कि इंसान कुछ भी कर सकता है। जिस सर्दी में लोगों को घर से बाहर निकलने में डर लगे, उससे कहीं कम तापमान में फारूकी गजब की एक्सरसाइज करते हैं और वह इसके जरिए खेलों की मदद से शांति का संदेश देना चाहते हैं।

ऐसी ट्रेनिंग जो होश उड़ा दे
ऐसी ट्रेनिंग जो होश उड़ा दे

फारूकी गोर प्रांत में सबसे शक्तिशाली बॉडीबिल्डरों में से एक हैं। उन्होंने हाल ही में अपनी इस शक्ति का प्रदर्शन भी किया। इसकी तस्वीरें सामने आने के बाद सब उनकी ताकत के साथ-साथ इच्छाशक्ति के भी कायल हो गए हैं। सिर्फ 23 साल के फारूकी नदी के पास जमा देने वाली सर्दी, हवाओं और ठंडे पानी में ऐसी एक्सरसाइज करते हैं जिन्हें देखकर किसी के भी होश उड़ जाएं। बर्फीले पानी में स्विमिंग हो या बर्फ में वेटलिफ्टिंग, फारूकी ने हार मानना नहीं सीखा है।

जीतना चाहते हैं मेडल
जीतना चाहते हैं मेडल

फारूकी सोशल मीडिया पर काफी फेमस हैं। खासकर मुश्किल हालात में एक्सरसाइज करने के कारण लोग उन्हें खूब देखते हैं और सीखते हैं। फारूकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए मेडल जीतना चाहते हैं। वह सात साल से कई खेलों के लिए ट्रेनिंग कर रहे हैं। बॉडीबिल्डिंग के अलावा वह वेटलिफ्टिंग, पावरलिफ्टिंग भी करते हैं। वह कहते हैं कि उन्हें ऐसी कठिन और खतरनाक एक्सरसाइज करना अच्छा लगता है।

खेलों के जरिए शांति का संदेश
खेलों के जरिए शांति का संदेश

फारूकी का मानना है कि खेलों को शांति, एकता और सद्भाव का संदेश देना चाहिए। वह पूरे देश से अपील करते हैं कि खेलों से जुड़ा जाए। फारूकी देश में शांति की राह देख रहे हैं। फारूकी उम्मीद करते हैं कि जब भी देश में शांति की स्थापना होगी, उनके जैसे ऐथलीट अपने अनुभव को बढ़ा सकेंगे और अफगानिस्तान के लिए खेल दुनिया में गर्व का कारण बनेंगे।

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