देश में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीन को रोलआउट करने की तैयारी है। अलग-अलग हिस्सों में वैक्सीन की खेप पहुंच रही है। इस बीच, कांग्रेस ने फिर से भारत बायोटेक की वैक्सीन Covaxin को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दिए जाने पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने एएनआई से बातचीत में कहा कि बिना फेज 3 ट्रायल पूरा किए वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए थी। तिवारी ने कहा कि ‘भारतीय गिनी पिग नहीं हैं।’ उन्होंने कहा कि बिना फेज 3 ट्रायल पूरा किए वैक्सीन को अप्रूवल देने से उसकी एफेकसी (प्रभावोत्पादकता) पर सवाल खड़े होते हैं।
भारतीय गिनी पिग नहीं : तिवारीतिवारी ने कहा, “कोवैक्सीन को इमर्जेंसी यूज के लिए लाइसेंस दिया गया था। अब सरकार कह रही है कि आप नहीं तय करेंगे कि आपको कौन सी वैक्सीन दी जाएगी। जब कोवैक्सीन का फेज 3 ट्रायल पूरा नहीं है तो उसकी प्रभावोत्पादकता को लेकर काफी चिंताएं खड़ी होती हैं। सरकार कोवैक्सीन को तबतक रोलआउट न करे जबतक उसकी प्रभावोत्पादकता और विश्वास पूरी तरह साबित न हो जाए और फेज 3 ट्रायल पूरा न हो जाए। सरकार को इस तरह काम करना चाहिए कि लोगों में (वैक्सीन को लेकर) पूरा विश्वास हो। आप फेज 3 ट्रायल की तरह वैक्सीन को रोलआउट नहीं कर सकते। भारतीय गिनी पिग नहीं हैं।”
206 रुपये/डोज है कीमत
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा 206 रुपये प्रति डोज की लागत से कोवैक्सीन के 55 लाख टीके खरीदे गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के मुताबिक, “करों को छोड़कर, कोवैक्सीन की 38.5 लाख डोज की लागत प्रति डोज 295 रुपये है। भारत बायोटेक केंद्र सरकार को कोवैक्सीन की 16.5 लाख डोज मुफ्त दे रहा है। इसलिए, कोवैक्सीन की लागत प्रति डोज 206 रुपये आई है।”
कोवैक्सीन की दो करोड़ डोज बनकर हैं तैयार
कोरोना टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू हो जाएगा। शुरुआती चरणों में पहले स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को टीका लगाया जाएगा। फिर गंभीर बीमारियों के शिकार लोगों को वैक्सीन दी जाएगी। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के सीएमडी डॉ. कृष्णा एला के मुताबिक, उनके पास अभी दो करोड़ खुराकें बनकर तैयार है। उन्होंने अप्रूवल के अगले दिन, यानी 4 जनवरी को कहा था कि जुलाई तक कंपनी आठ करोड़ डोज बना लेगी।