नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और विभिन्न जांच एजेंसियों से जवाब मांगा, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कुछ लोगों ने अपने समूह की कंपनियों के जरिए सरकारी खजाने को 500 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने शहरी विकास मंत्रालय, दिल्ली सरकार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), सीबीआई, आयकर आयुक्त और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) को इस मामले पर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया कि दिल्ली के आठ निवासियों ने अपने समूह की कंपनियों के जरिए वित्तीय संस्थानों और राष्ट्रीयकृत बैंकों से बड़ी मात्रा में ‘‘ठगी’’ की है। पीठ ने दोनों सरकारों और जांच एजेंसियों को मामले की पड़ताल करने और इस बारे में अदालत को सूचित करने का आदेश दिया।